गिरिडीह-में-मुख्यमंत्री-हेमंत-सोरेन

गिरिडीह-में-मुख्यमंत्री-हेमंत-सोरेन

रांची : जैनियों के पारसनाथ पर्वत के सम्मेद शिखर जी की पवित्रता को लेकर आन्दोलन और जैनियों के खिलाफ स्थानीय आदिवासियों को लोबिन हेम्ब्रम और सालखन मुर्मू जैसे नेताओं द्वारा खड़ा किये जाने के बाद 18 जनवरी को गिरिडीह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खतियानी जोहार यात्रा के दुसरे चरण की जनसभा को संबोधित किया।

इस जनसभा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि अगर 10 वर्ष तक हमारी सरकार बनी रही तो मैं झारखण्ड को गुजरात के समकक्ष ले जाऊंगा। आप नौजवान लोग धैर्य रखें. बहुत जल्द हमारी सरकार हजारों नौकरियों की वेकैंसियाँ निकालने जा रही है। जिससे हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा। पिछले 20 साल में झारखण्ड में जो गन्दगी फैलाई गयी है वह सिर्फ 2 वर्ष में साफ नहीं किया जा सकता है। हमने हमारी सरकार के 3 वर्षों में आंगनवाडी सेविका-सहायिकाओं, पुलिसकर्मीयों और पारा शिक्षकों के मानदेय वृद्धि किया है।

राज्य में सरना धर्म कोड के बारे में पूछने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2021 में ही आदिवासियों के लिए सरना धर्म कोड लागू करने का कानून विधानसभा में पास कराकर केंद्र सरकार के पास भेज दिया है। पिछले साल हमने 1932 के खतियान आधारित स्थानीयता और नियोजन नीति सम्बन्धी कानून भी विधानसभा से पास कराकर केंद्र को भेज दिया है। जिसे संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने का आग्रह किया है। हेमंत ने बीजेपी पर राज्य सरकार को परेशान करने का आरोप लगाया और कहा कि आदिवासियों, मूलवासियों राज्य के वंचितों को षड्यंत्रों के तहत दबाया गया है। केंद्र के पास अभी भी हमारा 1 लाख 39 हजार करोड़ रुपया बकाया है। हम उद्योग नीति लाये थे और उद्योगपतियों ने झारखण्ड में निवेश के प्रति रूचि दिखाई थी लेकिन ED, CBI आदि का बवंडर दिखाकर केंद्र सरकार ने सबको डरा दिया। (चित्र साभार सोशल मीडिया)

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