तमिलनाडु के थिरुचंथराई गाँव में 1500 वर्ष पुराने मंदिर

तमिलनाडु के थिरुचंथराई गाँव में 1500 वर्ष पुराने मंदिर

चेन्नई, तमिलनाडु : तमिलनाडु में एक पूरे गांव की जमीन का मालिकाना वक्फ बोर्ड के नाम किए जाने की जानकारी होने के बाद राज्य में हड़कंप मचा हुआ है। तमिलनाडु का थिरुचंथराई गांव एक हिंदू बहुल इलाका है।

इस गांव के ग्रामीणों के अनुसार ‘गांव में चंद्रशेखर स्वामी का 1500 वर्ष पुराना मंदिर है। यह मंदिर 369 एकड़ जमीन पर बना हुआ है। और, अभी कुछ दिन पहले हमलोगों की जानकारी में आया कि हमसभी की जमीनें हमारी नहीं, यह वक्फ बोर्ड की है’ !

वर्तमान में, भाजपा के केन्द्रीय सरकार में देश के अनेक राज्यों में महत्वपूर्ण व आम मंदिरों और हिन्दू प्रतीकों को तोड़कर उसके ढांचे पर मस्जिदों के निर्माण के मामले प्रमुख मुद्दों के रूप में लाये जा रहे हैं, हिन्दूपक्ष अपना दावा मजबूत करता जा रहा है।

तमिलनाडु के थिरुचंथराई गाँव और इलाके के लोगों ने यह सवाल उठना शुरू किया है कि मंदिर की यह भूमि वक्फ बोर्ड से संबंधित कैसे हो सकती है ? हर कोई इस दावे के बाद स्तब्ध है!

वैसे वक्फ बोर्ड से जुड़ा इस तरह की जमीनों का मामला पूरे देश में होने की संभावना जताई जा रही है। इसी तरह का मामला दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों में आ चूका है।

तमिलनाडु के थिरुचंथराई गांव के राजगोपाल अपनी जमीन राजेश्वरी देवी को बेचने के लिए सौदा किया था। जब वह रजिस्ट्रार के कार्यालय में पहुंचा और जमीन की रजिस्ट्री करवाने की अर्जी दी तो वह यह देखकर हैरान रह गया कि उसकी जमीन उसके नाम पर नहीं, बल्कि वक्फ बोर्ड के नाम दिखाई गई है।

तमिलनाडु के प्रापर्टी रजिस्ट्रार कार्यालय के अनुसार वक्फ बोर्ड की तरफ से उपलब्ध करवाए गए 250 पेज के एक दस्तावेज में पूरे गांव की जमीन वक्फ बोर्ड की है और उसकी बिक्री करने के लिए वक्फ बोर्ड से एनओसी लेना जरूरी है। 

राजगोपाल ने प्रापर्टी रजिस्ट्रार आफिस की तरफ से इस बात की जानकारी मिलने पर इस घटना की जानकारी अपने गांव के लोगों को दी। गांव के लोग इस बात से हैरान हैं कि जब उनके पास अपनी रिहायशी और कृषि योग्य भूमि के सारे दस्तावेज मौजूद हैं तो ऐसे में वक्फ बोर्ड इस पर दावा कैसे कर सकता है ? यह मामला जिला कलैक्टर के ध्यान में लाया गया और उन्होंने मामले की जांच करने का आश्वासन दिया है।

इस बारे में डीड डिपार्टमैंट के अधिकारियों के साथ जब मीडिया ने खोजबीन करते हुए बात की तो कार्यालय अधिकारियों ने बताया कि राज्य में वक्फ बोर्ड और मंदिरों की जमीनों पर कब्जे किए गए हैं और नकली दस्तावेजों के आधार पर उनकी मालिकाना हासिल गया है। इस सम्बंधित कुछ केस भी दर्ज किए गए थे।

वर्ष 2016 में सरकार ने इस तरह की प्रापर्टीज से कब्जे छुड़ाने के लिए मुहिम शुरू की थी और वक्फ बोर्ड ने पूरे तमिलनाडु में अपनी इन प्रापर्टीज को छुड़ाने के लिए कार्रवाई शुरू की थी।

वक्फ बोर्ड के अनुसार थिरुचंथराई के अलावा कदियाकुरीचि गांव की जमीन भी वक्फ बोर्ड की है। वक्फ बोर्ड ने इन दो गांवों की भूमि के अलावा चेन्नई व इसके आसपास के कई इलाकों में उसकी जमीन होने का दावा किया है। लेकिन लोगों ने तमिलनाडु की सरकार से इस मामले में जाँच की मांग की है। 

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