रांची : रांची के अल्पसंख्यक समुदायों के सामाजिक-बौद्धिक व्यक्तियों के द्वारा झारखंड विधानसभा बजट सत्र के संदर्भ में (27 फरवरी से 23 मार्च 2023 तक)
हेमंत सरकार अल्पसंख्यकों के मुद्दों पर इंसाफ़ करो“के विषय पर सत्यभारती सभागार, रांची में प्रेस वार्ता हुई। जिसकी अध्यक्षता गुरुद्वारा प्रबंधन समिति एवं शिक्षाविद प्रोफेसर हरबिंदर बीर सिंह ने की।

प्रेस वार्ता में अंजुमन इस्लामिया रांची के महासचिव डॉ तारिक़ हुसैन, प्रगतिशील, लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष गठबंधन की हेमंत सरकार को तीन साल से भी ज़्यादा हो गए। मग़र आज भी झारखंड के अल्पसंख्यकों के मुद्दें जस के तस बरकरार है। जबकि हेमंत सरकार गठबंधन की सरकार ने अपने ही चुनावी घोषणा पत्र में अल्पसंख्यकों से जो वादे किए थे, उसे सरकार भूल गई है। आज भी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार एवं अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकार संस्थाओं के रूप में बहाल नहीं है। जैसे अल्पसंख्यक आयोग, वित्त निगम, वक़्फ़ बोर्ड, उर्दू मदरसा, पंजाबी बोर्ड एवं अन्य शामिल है।

हेमंत सरकार में मोब लिंचिंग विरोधी क़ानून नही बना और सांप्रदायिक घटनाएं कम नही हुई।

हेमंत सरकार एवं पूर्व की झारखंड सरकार को भी देखें तो अल्पसंख्यकों के योजना में दिलचस्पी कम और उनके क़ब्रिस्तान एवं क़ब्रिस्तान की चारदीवारी पर ज़्यादा फ़ोकस हो जा रहा है।

केंद्र सरकार के साथ साथ झारखंड सरकार भी अल्पसंख्यकों को दोयम दर्जे पर रखा जा रहा है। तभी तो झारखंड के इस बजट सत्र में कोई ठोस प्रस्ताव अल्पसंख्यक पर नही है। जो अभी तक हाशिए पर है, अभी तक तो यही महसूस हो रहा है।

बल्कि हेमंत सरकार में बिन मांगी मुराद पर फ़ज़ीहत ही कराया जा रहा है। ऐसे झारखंड विधानसभा के कुछ सत्रों को देखें तो पता यही चलता है कि कभी नामज़गाह, भाषा, उर्दू स्कूल, फ़सादी साम्प्रदायिक तनाव जैसे वातावरण को सत्र के पूर्व होते हैं और अल्पसंख्यकों के मुद्दें पर फ़ज़ीहत कर कभी तुस्टीकरण में हमें रुसवा किया जाता है। झारखंड विधानसभा अल्पसंख्यकों के अस्तित्व को ही इग्नोर कर रही है। तभी तो हेमंत सरकार के तीन साल होने के बाद भी अल्पसंख्यकों को केवल वोट बैंक की राजनीति के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। हेमंत सरकार एवं झारखंड विधानसभा से अपील करते हैं कि अल्पसंख्यक भी आपके अभिन्न विकास का अंग है उनके मुद्दों को हल किया जाए।

प्रेस वार्ता में गुरुद्वारा प्रबंधन समिति सह शिक्षाविद प्रोफेसर हरबिंदर बीर सिंह, राष्ट्रीय ईसाई समुदाय के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ झारखंड आंदोलनकारी प्रभाकर तिर्की, अंजुमन इस्लामिया रांची के महासचिव डॉ तारिक़ हुसैन, सामाजिक कार्यकर्ता नदीम खान, झारखंड जैन समुदाय के अजय जैन शामिल थे। (प्रेस विज्ञप्ति, सर्वधर्म के अल्पसंख्यक समुदायों में नदीम खान द्वारा जारी)

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