लखनऊ : उत्तर प्रदेश में साठ हज़ार से अधिक पदों के लिए इस महीने आयोजित की गई परीक्षा के पेपर लीक होने के बाद मुख्यमंत्री योगी ने आयोजित हुई सिपाही भर्ती परीक्षा को रद्द करने की घोषणा कर दी है। उन्होंने कहा कि छह महीने के भीतर यह परीक्षा दोबारा आयोजित की जाएगी। इस पेपर लीक की जांच के लिए कमेटी गठित की है। दुबारा परीक्षा की तिथि की घोषणा जल्द की जायेगी।
उत्तर प्रदेश सरकार ने 17 और 18 फरवरी को चार शिफ्टों में पुलिस भर्ती परीक्षा का आयोजन किया था। 60 हजार पदों के लिए 50 लाख युवाओं ने फार्म भरा था। 48 लाख युवक परीक्षा में शामिल हुए थे। दोनों दिन शाम वाली शिफ्ट के पेपर कई घंटे पहले वायरल हो गए थे। इसे लेकर युवाओं ने मोर्चा खोल दिया था। इस सिपाही भर्ती के लीक हुए पेपर को रद करने की मांग करते हुए परीक्षार्थियों ने प्रयागराज से लखनऊ तक धरना प्रदर्शन किये।
पेपर लीक होने के बाद राजधानी लखनऊ और प्रयागराज में परीक्षार्थियों ने प्रदर्शन किए। योगी सरकार द्वारा पेपर लीक के आरोपों को मानते हुए शनिवार को यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा रद करने का ऐलान को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर हमला बोला कि सरकार ने अपनी नाकामी मान ली है। पेपर सरकार की नाकामी के कारण लीक हुआ था। जब पहले ही दिन पेपर लीक का पता चल गया फिर भी दूसरे दिन कोई सख्ती नहीं की गई। यह स्पष्ट है कि सरकार की नीयत ही साफ नहीं थी।
अखिलेश ने कहा कि परीक्षा का निरस्त होना युवाओं की जीत है और भाजपा सरकार के प्रपंचों की हार, लेकिन इससे साफ हो गया है कि मतलब अधिकारी और अपराधी मिल हुए थे और सरकार भी पीछे से अपना हाथ उनके सिर पर रखे हुई थी। लेकिन तमाम सबूतों के आगे चुनाव में ऐतिहासिक हार से बचने के लिए सरकार झुकने पर मजबूर हुई है।
पेपर लीक के बहाने अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा सरकार नौकरियों के नाम पर जो खेल बेरोज़गार युवक-युवतियों से खेल रही है, उसका सच अब सब समझने लगे हैं। दिखावे के लिए नौकरियाँ निकालना, अरबों रुपये की फीस ले लेना, पेपर लीक होने देना अगला फिर निरस्त करने का नाटक करना, ये खेल भाजपा को बहुत महंगा पड़ेगा।
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