प्रख्यात समाजशास्त्री इम्तियाज़ अहमद (1940-2023) का कल निधन

प्रख्यात समाजशास्त्री इम्तियाज़ अहमद (1940-2023) का कल निधन

नई दिल्ली : प्रसिद्ध भारतीय समाजशास्त्री इम्तियाज़ अहमद (1940-2023) का 19 जून को निधन हो गया। इम्तियाज अहमद ने भारतीय समाज में मुस्लिम समुदाय और उसकी सामाजिक स्थिति का गहन अध्ययन किया है। वह, भारत के मुस्लिम समुदाय में व्याप्त स्तरीकरण और जातिगत भेद, मुस्लिम परिवार और विवाह, धर्म और रीति-रिवाज का अंतर्दृष्टिपूर्ण सामाजिक विश्लेषण अपनी कृतियों में किया। वे तीन दशकों तक जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सेंटर फ़ॉर पोलिटिकल स्टडीज़ में प्राध्यापक रहे।

लखनऊ विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र की उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद इम्तियाज़ अहमद ने दिल्ली विश्वविद्यालय से शोध किया। वर्ष 1967-68 के दौरान वे बतौर फ़ुलब्राइट फ़ेलो शिकागो यूनिवर्सिटी में रहे। इसके बाद अगले दो वर्षों तक उन्होंने मिसौरी यूनिवर्सिटी में अध्यापन किया। कुछ समय तक उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में अध्यापन किया और 1972 में वे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में शिक्षक नियुक्त हुए, जहाँ वे वर्ष 2002 में सेवानिवृत्ति तक अध्यापन करते रहे।

उनकी पुस्तक ‘कास्ट एंड सोशल स्ट्रेटिफ़िकेशन एमंग मुस्लिम्स इन इंडिया’ भारतीय समाजशास्त्र की एक क्लासिक कृति मानी जाती है। आज़ादी के बाद बदलते हुए भारतीय समाज में मुस्लिमों की स्थिति, सामाजिक आंदोलन, साम्प्रदायिकता के उभार, सामाजिक विकास, शरणार्थी और बाल श्रमिक जैसे मुद्दों पर उन्होंने विचारोत्तेजक ढंग से लिखा। इन मुद्दों पर वे अकादमिक पत्रिकाओं और पुस्तकों के साथ-साथ समाचार-पत्रों में भी लगातार लिखते रहे।

भारतीय और अंतरराष्ट्रीय विद्वानों के साथ मिलकर उन्होंने इन विषयों का विचारोत्तेजक अध्ययन किया। जिसका परिणाम उनके द्वारा सम्पादित अनेक महत्त्वपूर्ण किताबों में देखने को मिलता है। उनकी कुछ अन्य प्रमुख पुस्तकें हैं : ‘मॉडर्नाइज़ेशन एंड सोशल चेंज एमंग मुस्लिम्स इन इंडिया’, फ़ैमिली, किनशिप एंड मैरिज एमंग मुस्लिम्स इन इंडिया’, ‘रिचुअल एंड रिलीजन एमंग मुस्लिम्स इन इंडिया’, मिडल-क्लास वैल्यूज़ इन इंडिया एंड वेस्टर्न यूरोप।

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