कितने रंग जीवन के - डॉ प्रेरणा उबाले

कितने रंग जीवन के - डॉ प्रेरणा उबाले

‘कवि और कविता’ श्रृंखला में डॉ प्रेरणा उबाळे की एक कविता

कभी-कभी अच्छा होता है,
मन का टूट जाना
बेवजह प्रेम की ख्वाहिश नहीं रहती

कभी-कभी अच्छा होता है,
अपनों का बिछड जाना
बेवजह मिलने की उम्मीद नहीं रहती

कभी-कभी अच्छा होता है,
रास्ते का बदल जाना
बेवजह रास्ते की तलाश नहीं रहती

कभी-कभी अच्छा होता है,
कुछ सपनों का मर जाना
बेवजह आसमान टूटने की बात नही होती

कभी-कभी अच्छा होता है,
जिंदगी का बदल जाना
बेवजह पुरानेपन की छाया नहीं रहती

टूटकर बिखरना
बिखरकर जुड़ना …
नवनिर्माण होता रहे
जिंदगी जीती-गाती रहे
जिंदगी खिलती-मुस्कराती रहे l

21 जून 2023.

  • डॉ. प्रेरणा उबाले @DR.PrernaUbale (लेखिका, कवयित्री, अनुवादक, आलोचक, सहायक प्राध्यापक, हिंदी विभागाध्यक्षा, मॉडर्न कला, विज्ञान और वाणिज्य महाविद्यालय (स्वायत), शिवाजीनगर, पुणे-411005, महाराष्ट्र), फोटोग्राफ : अरुण प्रधान

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