मुंबई, महाराष्ट्र : बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना अपने स्थापना के समय से ही दशहरा एक बड़ा उत्सव के रूप में मनाती रही है। इसमें समूचे महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में शिवसैनिक जुटते थे। पिछले करीब एक दशक तक उद्धव ठाकरे दशहरा रैली को संबोधित करते रहे हैं।
लेकिन इस वर्ष दशहरे पर रैली करने का दावा खुद को असली शिवसेना बता कर एकनाथ शिंदे कर रहे हैं। इस बार भी उद्धव ठाकरे ने रैली पर अपना दावा ठोका है। जबकि उद्धव के हनुमान शिव सेना नेता संजय राउत जेल में है।
लेकिन इस बार दशहरा रैली का सीन बदलाव है क्योंकि इस पूरे विवाद में अब राज ठाकरे ने एंट्री मारी है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेताओं ने बयान दिया है कि “हम चाहते हैं कि राज ठाकरे इस दशहरा में महाराष्ट्र को संबोधित करें।” मनसे नेताओं के इस बयान से अंदाजा है कि इसबार के दशहरा रैली में राज ठाकरे प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं।
सोमवार को राज ठाकरे ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की थी और दोनों के बीच लगभग एक घंटे तक चर्चा हुई। बाद में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े और प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले भी राज ठाकरे के शिवतीर्थ बंगले पर मुलाकात की।
मनसे नेता संदीप देशपांडे ने कहा है कि “हम जोर देंगे कि राज साहब (राज ठाकरे) महाराष्ट्र को संबोधित करें ताकि बालासाहेब के विचार, हिंदुत्व के विचार और मराठी लोगों के विचार आगे बढ़ें। क्योंकि विरासत सिर्फ जायदाद की नहीं होती बल्कि विचारों की भी होती है।”
मनसे नेता संदीप के इस बयान पर शिवसेना की नेता सुषमा ने कहा कि “जब कार्यकर्ता इतने आत्मविश्वास से अपने नेता के बारे में बात कर रहे होते हैं तो मनसे नेता पर इस संबंध में बहुत गंभीरता से सोचने और खुद से कुछ सवाल पूछने की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। उन्हें खुद से पूछना चाहिए कि क्या मैं वास्तव में बाला साहेब की विरासत को आगे बढ़ा रहा हूं या मैं बालासाहेब की पहचान और पार्टी को खत्म करने के लिए भाजपा के कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहा हूं।”(चित्र साभार)