नई दिल्ली : 21 वर्ष बाद कांग्रेस पार्टी में अध्यक्ष पद के चुनाव की घोषणा हो गयी है। यह कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए तीसरी बार चुनाव है। राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद के लिए इंकार किया है। कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक ने घोषणा की है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस के कोई भी सदस्य चुनाव लड़ सकता है। कांग्रेस में अध्यक्ष पद पर चुनाव दो बार हो चुका है।
पहली बार वर्ष 1997 में, जिसमे सीताराम केसरी ने चुनाव लड़ा था और जीते थे। तो, केसरी के खिलाफ शरद पवार और राजेश पायलट ने पर्चा भरा था। केसरी को 6224 वोट मिले थे और वहीं पवार को 882 तथा पायलट को 354 वोट मिले थे। दूसरी बार वोटिंग 2000 में हुई। उस समय सोनिया गांधी को कांग्रेस के अन्दर ही दिग्गज नेता जीतेंद्र प्रसाद ने चुनौती दी थी। उस चुनाव में सोनिया गांधी को 7448 वोट मिले और जितेन्द्र प्रसाद को 94 वोट मिले थे।
अमर उजाला के अनुसार इस कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव की घोषणा के साथ ही राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत का नाम सबसे आगे चल रहा है। तो कांग्रेस में अंदरखाने चर्चा है कि शशि थरूर भी कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ सकते हैं। खबरें शशि थरूर के साथ मनीष तिवारी या पृथ्वीराज चव्हाण के भी चुनाव में आने की हैं।
थरूर ने मीडिया के पूछने पर इस मामले में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। मलयालम के दैनिक अखबार मातृभूमि में एक लेख में उन्होंने ‘‘स्वतंत्र एवं निष्पक्ष’’ चुनाव कराने का आह्वान किया है और कहा कि कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की दर्जन भर सीटों के लिए भी पार्टी को चुनाव की घोषणा करनी चाहिए। पार्टी को पूरी तरह से पुनर्जीवित करने की जरूरत है, लेकिन नेतृत्व के जिस पद को तत्काल भरने की जरूरत है वह स्वाभाविक रूप से कांग्रेस अध्यक्ष का पद है।
मलयाली दैनिक के लेख में थरूर ने कहा है कि “एआईसीसी और पीसीसी प्रतिनिधियों से पार्टी के सदस्यों को यह फैसला करने की अनुमति देने से कि इन प्रमुख पदों पर पार्टी का नेतृत्व कौन करेगा, इससे आने वाले नेताओं के समूह को वैध बनाने और पार्टी का नेतृत्व करने के लिए उन्हें विश्वसनीय जनादेश देने में मदद मिलेगी।’’
थरूर ने कहा कि “चुनाव के अन्य लाभकारी प्रभाव भी हैं। उदाहरण के लिए हमने हाल ही में नेतृत्व की दौड़ के दौरान ब्रिटिश कंजरवेटिव पार्टी में वैश्विक रुचि देखी है, एक घटना जिसे हम 2019 में पहले ही देख चुके हैं, जब एक दर्जन उम्मीदवारों ने थेरेसा मे को बदलने के लिए चुनाव लड़ा था, और बोरिस जॉनसन शीर्ष पर उभरे थे। इस कारण से मुझे उम्मीद है कि कई उम्मीदवार विचार के लिए खुद को पेश करने के लिए आगे आएंगे। पार्टी और राष्ट्र के लिए अपने दृष्टिकोण को सामने रखने से निश्चित रूप से जनहित में हलचल होगी।” शशि थरूर भी उन 23 नेताओं के समूह में शामिल थे, जिन्होंने 2020 में कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को पत्र लिखकर संगठनात्मक सुधारों की मांग की थी।