badri-narayan-Tumadi-ke-shabd

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नई दिल्ली: बद्री नारायण को उनकी कविता संग्रह ‘तुमड़ी के शब्द’ को साहित्य अकादमी पुरस्कार 2022 के लिए चुना गया है। साहित्य अकादमी अध्यक्ष डॉ चंद्रशेखर कंवार की अध्यक्षता में 22 दिसंबर को कार्यकारी मंडल की सालाना बैठक में देश की 23 भाषाओं के साहित्यिक रचनाओं के लिए वर्ष 2022 के पुरस्कारों की घोषणा की गई। बांग्ला भाषा के साहित्यिक रचनाओं के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार की घोषणा बाद में की जाएगी।

साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने पुरस्कारों की घोषणा करते हुए कहा कि इस वर्ष 23 भाषाओं के लिए पुरस्कार देने का निर्णय किया गया है। इनमें 7 कविता संग्रह, 6 उपन्यास, 2 कहानी संग्रह, 2 साहित्यिक समालोचना, 3 नाटक, एक आत्मकथा निबंध, एक संक्षिप्त सिंधी साहित्य इतिहास और एक लेख संग्रह की पुस्तक शामिल है।

साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव

बद्रीनारायण (तुमड़ी के शब्द, कविता-संग्रह), अंग्रेजी के लिए अनुराधा रॉय (ऑल द लाइब्स वी नेवर लिव्ड,उपन्यास), पंजाबी के लिए सुखजीत (मैं अयंघोष नहीं, कहानी-संग्रह) और उर्दू के लिए अनीस अशफ़ाक (ख़्वाब सराब, उपन्यास) पुरस्कृत किए गए हैं।

अन्य पुरस्कार विजेता हैं कविता के लिए पुरस्कृत रश्मि चौधुरी (बर), अजित आजाद (मैथिली). कोइजम शांतिबाला (मणिपुरी), गायत्रीबाला पांडा (ओडिआ), जनार्दन प्रसाद पाण्डेय ‘मणि’ (संस्कृत). कजली सोरेन (जगन्नाथ सोरेन, संताली)।

कहानी के लिए पुरस्कृत लेखक हैं- मनोज कुमार गोस्वामी (असमिया)। उपन्यास के लिए पुरस्कृत लेखक हैं- माया अनिल खरंगटे (कोंकणी), प्रवीण दशरथ बांदेकर (मराठी), एम. राजेंद्रन (तमिळ), मधुरांतकम नरेंद्र (तेलुगु)। साहित्यिक समालोचना के लिए पुरस्कृत दो लेखक हैं- फारूक फयाज़ (कश्मीरी), एम. थॉमस मैथ्यू (मलयाळम)। नाटक के लिए पुरस्कृत तीन लेखक में वीणा गुप्ता (डोगरी), के. बी. नेपाली (नेपाली), कमल रंगा (राजस्थानी), आत्मकथात्मक निबंध के लिए गुलाम मोहम्मद शेख (गुजराती), लेख-संग्रह के लिए मुडनाकुडु चिन्नास्वामी (कन्नड) तथा संक्षिप्त सिंधी साहित्य इतिहास के लिए कन्हैयालाल लेखवाणी (सिंधी) को पुरस्कृत किया गया है।

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