दिल्ली : विश्व पुस्तक मेला में सदीनाम के स्टॉल पर दो महत्वपूर्ण और पठनीय पुस्तक सदीनामा प्रकाशन लेकर आई है। एक बंगला लोकमानस का प्रिय बाउल गीतों के ‘साधक कवि लालन फकीर उत्तरकाल में– म. मनिरुज्जमान’। यहां बिकने वाली प्रमुख किताबों में एक है। यह ‘साधक कवि लालन फकीर काल उतर काल में’ पुस्तक का संयोजन सदीनामा के संपादक जितेंद्र जीतांशु ने किया है।

देश विभाजन के पहले अविभाजित बंगाल के लोक मानस में लालन फकीर एक प्रमुख कवि माने जाते हैं। उनका समय आज से करीब 133 साल पहले का है। उनके गीत बाउल गीत कहलाते हैं, ‘बाउल’ बंगाल का विशिष्ट पंथ भी है। इस पुस्तक में उनके जीवन के समय की तात्कालिक घटनाओं और बंगला साहित्य पर लालन फकीर के प्रभाव को रेखांकित किया गया है। पुस्तक में उनके सौ गीत और संदर्भ किताबों के नाम भी है। पुस्तक मेले में सदिनामा के स्टॉल न० 264 पर यह सिर्फ 100 रूपए में मिल रही है।

दूसरी पुस्तक है, ‘हिंदी उपन्यासों में स्त्री की दशा और दिशा नवजागरण से आधुनिक काल तक भाग- 1
‘ओम जय जगदीश हरे’ लिखने वाले गीतकार का नाम श्रद्धा राम फुललॉरी था। इन्होंने विधवा विवाह समर्थन करते हुए एक उपन्यास लिखा। यह पुस्तक आज से डेढ़ सौ साल पहले के समय पर आधारित है।

यह पुस्तक हिंदी का पहला उपन्यास देवरानी-जेठानी से लेकर रामेश्वर शुक्ल अचल तक लिखे हिंदी उपन्यासों की पड़ताल के आधार पर है। इस पुस्तक का नाम है हिंदी उपन्यासों में स्त्री की दशा और दिशा नवजागरण से आधुनिक काल तक भाग- 1। यह पुस्तक सदीनामा प्रकाशन से प्रकाशित हुई है जो पुस्तक मेले में हॉल नंबर दो स्टॉल नंबर 264 पर उपलब्ध है। पचास प्रतिशत छूट पर मिल रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *