पटना : बिहार में अब नियोजित शिक्षकों का रिटायरमेंट शुरू हो गया। इन सेवानिवृत हो रहे शिक्षकों को अब बगैर पेंशन, प्रावेडेंट फंड, ग्रेच्युटी के घर जाना पड़ रहा है। इन्हें अब बिना फूटी कौड़ी के घर जाना वृद्धावस्था की भारी पीड़ा सताने लगी है। इन्हें ऐसी सेवानिवृति के साथ अवसाद और चिंता के शिकार हो रहे हैं।
गया के गुरारू प्रखण्ड के घटेरा पंचायत अंतर्गत उर्दू मध्य विद्यालय के नियोजित शिक्षक मोहम्मद एकरामुद्दिन अब रिटायर हो गए किन्तु बगैर पेंशन, भविष्य निधि फंड, ग्रेच्युटी के। इनके सेवानिवृत होने पर विद्यालय के शिक्षक, प्रखण्ड शिक्षक संघ और विद्यालय के छात्रों की ओर से एक कार्यक्रम आयोजित कर माला पहनकर अंग वस्त्र देकर भावपूर्ण विदाई दी गई। इस मौके पर सेवानिवृत शिक्षक ने भी अपनी ओर से विधार्थियों को कॉपी-कलम भेंट करते हुए उनकेे उज्जवल भविष्य की कामना के साथ विदाई ली।
शिक्षक मोहम्मद एकरामुद्दिन की सेवानिवृत विदाई के अवसर पर शिक्षक संघ के अध्यक्ष गौतम कुमार सिंह एवं सचिव किशन कुमार राजा ने कहा कि अब नियोजित शिक्षकों के सेवानिवृत्त होने का सिलसिला जारी हो गया है। दुर्भाग्य है शिक्षकों का कि सेवा निवृत्ति के समय उनके जेब में एक फुटी कौड़ी नहीं है। सरकार द्वारा न तो अभी तक उनके लिए किसी भी तरह का कोई सेवानिवृत लाभ की व्यवस्था किया गया है, न हीं सेवानिवृत शिक्षक के लिए पेंशन है और न हीं पीएफ एवं ग्रेच्युटी ही। वृद्धावस्था में ही व्यक्ति को पैसे की बेहद जरूरत होती है। ऐसे में सरकार को इस ओर ध्यान देने की अतिआवश्यकता है। शिक्षक मोहम्मद मुस्तफा, मो.इबरार, नाजिश अलि, धर्मेन्द्र कुमार सिंह, दीनदयाल दास सहित विद्यालय भूमि दानदाता मो.मुस्ताफा एवं मो.जमालुद्दिन सहित दर्जनों ग्रामीण उपस्थित थे। (साभार सोशल मीडिया, संतोष गिरी)