गोधरा : गुजरात के पंचमहल जिले के गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के एक कोच में भीड़ द्वारा आग लगाए जाने के मामले के मुख्य आरोपी रफीक हुसैन भटुक को गोधरा शहर से गिरफ्तार कर लिया गया। 19 साल पहले 27 फ़रवरी 2002 गोधरा रेलवे स्टेशन के पास साबरमती ट्रेन के एस-6 कोच में मुस्लिमों द्वारा आग लगाए जाने के बाद 59 कारसेवकों हिन्दुओ की मौत हो गई। इस मामले में 1500 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। 28 फ़रवरी 2002 गुजरात के कई इलाकों में दंगा भड़का जिसमें 1200 से अधिक लोग मारे गए।
गुजरात के पंचमहल जिले की पुलिस अधीक्षक लीना पाटिल ने कहा कि 51 वर्षीय रफ़ीक हुसैन भटुक आरोपियों के उस मुख्य समूह का हिस्सा है जो ट्रेन जलाने की साजिश में लिप्त था। भटुक पिछले करीब 19 साल से फरार था। पुलिस अधीक्षक लीना पाटिल ने को बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर गोधरा पुलिस ने रविवार रात को रेलवे स्टेशन के समीप स्थित सिग्नल फलिया के एक घर में छापेमारी कर भटुक को वहां से गिरफ्तार किया। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि भटुक गोधरा रेलवे स्टेशन पर मजदूरी करता था। उन्होंने कहा, वह कोच पर पथराव करने और उसमें पेट्रोल डालने में लिप्त थो, जिसके बाद अन्य आरोपियों ने कोच में आग लगा दी थी।
पुलिस अधीक्षक लीना पाटिल ने कहा कि भटुक के खिलाफ हत्या एवं दंगा फैलाने समेत अन्य आरोप हैं। यह 14 साल तक फरार रहा गुजरात आईबी की नजर इसके रिश्तेदारों और उसके परिवार वालों पर भी सबके फोन सर्विलांस पर थे। 1 दिन इसने अपने बेटे को फोन किया क्योंकि इसका पोता हुआ था। सर्विलांस में इसका लोकेशन दिल्ली बताया फिर इसने अपने बेटे से कहा कि मैं फलाने तारीख को चुपके से गोधरा आ रहा हूं मुझे अपने पोते का मुंह देखना है। पुलिस ने इसे गोधरा स्टेशन पर सादे कपड़े में तैनात पुलिसकर्मी ने गिरफ्तार कर लिया। इसका पूरा कुकर्म अदालत में साबित हो गया और इसे आजीवन कारावास की सजा सुना दी गई। गोधरा कांड पर लालू यादव ने कहा था कि गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में आग तो यूं ही लग गई थी,किसी ने आग नहीं लगाई। अपने गुनाह कुबूल करके पुलिस को इस ने बताया कि यह 14 साल तक पुरानी दिल्ली के लाजपत राय मार्केट में रहता था !