नई दिल्ली, 9 अगस्त 2022: आज मंगलवार दो बजे दिल्ली यूनिवर्सिटी के आर्ट्स फैकल्टी गेट नंबर 4 पर भगत सिंह छात्र एकता मंच द्वारा पत्रकार रूपेश कुमार सिंह की गिरफ्तारी के विरोध में जनसभा आयोजित की गयी। जिसे यूनिवर्सिटी और पुलिस प्रशासन ने रोकने की कोशिश की लेकिन जनसभा पूरी हुई।

जिसमें भगत सिंह छात्र एकता मंच के 3 स्पीकर्स ने अपनी बात रखी उसमें पत्रकार मंदीप पुनिया ने बताया कि कोई सा भी युग पत्रकारिता के लिए स्वर्ण युग नहीं रहा है, लेकिन आज का समय पत्रकारिता के लिए सबसे बदतर स्थिति में है। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि पत्रकारों की उनकी सामाजिक और धार्मिक पहचान के आधार पर भी उन्हें टारगेट किया जा रहा है। आज के समय मे सरकार ही नहीं बल्कि हिन्दू अतिवादीt की तरफ से भी उन्हें टारगेट किया जा रहा है।

दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रोफेसर अपूर्वानंद ने बात आगे बढ़ाते हुए मीडिया के ऊपर बढ़ते दमन पर कहा की किस तरह भारत की अपनी भाषाओं पर पत्रकारिता करना कितना कठिन हो गया। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी भाषा में पत्रकारिता करने वालों से कहीं ज्यादा भारत की अपनी क्षेत्रीय भाषा हिंदी, बंगाली, मलयालम, उर्दू एवं अन्य क्षेत्रीय भाषा में पत्रकारिता करना कठिन हो गया है।

अंत में प्रोफेसर सरोज गिरी दिल्ली यूनिवर्सिटी के राजनीतिक विभाग के प्रोफ़ेसर ने कहा कि रूपेश की पत्रकारिता की वजह से वो जिन मुद्दों को उठा रहे थे उसकी वजह से ही उन्हें टारगेट किया गया। हम सब रूपेश की रिहाई और आदिवासी इलाकों में बढ़ रहे सैन्यकरण और corporatisation को रोकने के लिये आगे की योजना कैसे बनाया जाय इस पर बात करें।

इस सभा में प्रो. नंदिता नारायण भी मौजूद रही। पत्रकार रुपेश की रिहाई और अन्य नारों के साथ इस सभा को खत्म किया गया जिसमें भीमा कोरेगांव के झूठे केसों में फंसाए पत्रकारों और प्रोफेसर्स की रिहाई के भी नारे लगाये गए। आदिवासियों के ऊपर चल रहे हमले को ऑपरेशन समाधान, प्रहार के रूप में देखने की बात की गई।

भगत सिंह छात्र एकता मंच के नेता ने कहा कि जैसा कि हम देख रहे हैं कि सरकारें कैसे उठती आवाजो को दबाने का काम कर रही है। “द कश्मीरवाला “के एडिटर ‘ फहद शाह, ‘ कश्मीर नैरेटर” के ‘आसिफ सुल्तान,”केरल के” ‘ सिद्दकी कप्पन’ जैसे अनगिनत जनपक्ष पत्रकार आज जेलों में हैं। इसलिए आज यह जरूरी हो जाता है कि आप सभी लोग भी जनता की आवाज उठाने वाली आवाज का साथ दें और सच्ची पत्रकारिता को जिंदा रखें। (भगत सिंह छात्र एकता मंच के प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित)

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