नई दिल्ली : 25 फ़रवरी से 5 मार्च तक हो रहे विश्व पुस्तक मेले के दूसरे दिन नयी किताब प्रकाशन स्टाल पर किरोड़ीमल कॉलेज की हिन्दी विभाग की प्रो. प्रज्ञा की नवीनतम पुस्तक – “हिन्दी नाटक :स्त्री संदर्भ” का विमोचन किया गया।

किताबों के इस वैश्विक महाकुंभ में पाठकों का अच्छा रिस्पोंस मिल रहा है। और, नयी किताब प्रकाशन नयी किताब प्रकाशन के अपने स्टाल पर पुस्तक प्रेमियों को आकर्षित कर रहा है।

इस विमोचन कार्यक्रम में प्रसिद्ध साहित्यकार हृषीकेशसुलभ, प्रेम जन्मेजय और प्रसिद्ध नाट्यकर्मी देवेन्द्रराज अंकुर उपस्थित रहे।

विमोचन कार्यक्रम की अध्यक्षता देवेन्द्रराज अंकुर ने किया। विमोचन वक्तव्य में हृषीकेश सुलभ के कहा कि – “हिन्दी नाटकों में स्त्री के योगदान का सूक्ष्म विश्लेषण इस पुस्तक में बखूबी किया गया है”।

प्रेम जन्मेजय ने प्रो. प्रज्ञा के हिन्दी नाटकों में किये गये योगदानों पर प्रकाश डाला। अपने अध्यक्षीय भाषण में देवेन्द्रराज अंकुर ने इस पुस्तक के विभिन्न अध्यायों स्त्री देह :स्त्री अधिकार – ‘धुर्वस्वामिनी, पारसी रंगमंच और यहूदी की लड़की, नुक्कड नाटक शैली और औरत आदि पर अपने विचार व्यक्त किये।

कार्यक्रम के अन्त में प्रो. प्रज्ञा ने इस पुस्तक लेखन के विभिन्न यात्राओं के अनुभवों को साझा करते हुए उपस्थित वक्ताओं को धन्यवाद दिया। साथ ही हिंदी के विकास में नयी किताब प्रकाशन समूह के योगदान को रेखांकित किया। नयी किताब प्रकाशन समूह के निर्देशक श्री अतुल्य महेश्वरी का बहुत बहुत आभार व्यक्त किया।

विभिन्न विद्वान वक्ताओं ने कहा कि हिन्दी नाटक : स्त्री संदर्भ, हिन्दी नाटकों के इतिहास में एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। जिसमें खासकर स्त्रियों के योगदान का गहन अध्ययन किया गया है। यह पुस्तक नयी किताब प्रकाशन स्टाल पर विशेष छूट के साथ प्रदान की जा रही है। इस पुस्तक का लाभ पाठक जरूर उठायें।

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