NITI-Ayog-7th-meeting

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नई दिल्ली, 8 अगस्त 2022: रविवार को राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीति आयोग की 7वीं संचालन परिषद के बैठक की अध्यक्षता की। वर्ष 2019 के जुलाई के बाद से निति आयोग के गवर्निंग काउंसिल की यह पहली बैठक है। नीति आयोग के शीर्ष निकाय परिषद में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के लेफ्टिनेंट गवर्नर और कई केंद्रीय मंत्री शामिल हैं तथा नीति आयोग के अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं।

इस बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी समेत तमाम अधिकारी मौजूद रहे। यह बैठक में मुख्य तौर पर भारत को 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने की योजना पर चर्चा हुई।

नीति आयोग के अनुसार, भारत में अगले साल G 20 प्रेसीडेंसी और शिखर सम्मेलन की मेजबानी के मद्देनजर यह बैठक काफी महत्वपूर्ण है। बैठक में संघीय प्रणाली के लिए भारत के लिए राष्ट्रपति पद के महत्व और जी -20 मंच पर अपनी प्रगति को उजागर करने में राज्यों की भूमिका पर भी जोर दिया गया है।

बैठक के एजेंडे में फसल विविधीकरण, तिलहन, दलहन और किसानों, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-स्कूली शिक्षा का कार्यान्वयन, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-उच्च शिक्षा का कार्यान्वयन और शहरी शासन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लक्ष्य को शामिल किया है। केंद्र सरकार ने निति आयोग के बारे में कहा कि “गवर्निंग काउंसिल एक ऐसा मंच है जहां केंद्र और राज्य स्तर पर देश में सर्वोच्च राजनीतिक नेतृत्व प्रमुख विकास संबंधी मुद्दों पर विचार-विमर्श करता है।

राष्ट्रीय विकास के लिए उपयुक्त समाधानों पर सहमत होते हैं। केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत राज्यों को सरकार का आवंटन लगभग दोगुना हो गया है।” प्रधानमंत्री ने नीति आयोग के शीर्ष निकाय संचालन परिषद की यहां आयोजित बैठक में आयात घटाने और निर्यात बढ़ाने के लिए राज्यों से ‘3टी’ (ट्रेड, टूरिज्म और टेक्नोलॉजी) को प्रोत्साहन देने का आग्रह भी किया।

असम, छत्तीसगढ़, त्रिपुरा, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश समेत बाकी राज्यों के सीएम भी मौजूद रहे। इस मीटिंग में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोविड-19 के कारण और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल किसी अन्य कारण से अनुपस्थित रहे।

निति योग की बैठक में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव भी शामिल नहीं हुए। के.सी.आर. ने प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि यह निर्णय तेलंगाना सहित राज्यों के खिलाफ केंद्र के कथित भेदभाव के खिलाफ उनके विरोध को चिह्नित करने के लिए है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव को नीति आयोग की ओर से जवाब में बैठक में शामिल न होने के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया गया है।

निति आयोग ने तेलंगाना मुख्यमंत्री के सवाल के जवाब में कहा कि भारत सरकार ने तेलंगाना राज्य के लिए जल जीवन मिशन के तहत 3982 करोड़ रुपये आवंटित किए, लेकिन राज्य ने केवल 200 करोड़ रुपये निकालने का फैसला किया। इसके अलावा 2014-2015 से 2021-2022 के दौरान किसान सम्मान और प्रोत्साहन योजनाओं के तहत तेलंगाना को 1195 करोड़ रुपये जारी किए गए।

बैठक में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि राज्य सरकार ने सुनियोजित शहरी विकास और नागरिकोन्मुखी शासन के माध्यम से कल्याणकारी गतिविधियों को प्राथमिकता दी है। गुजरात ने केंद्र की नीति के अनुरूप फसल विविधीकरण भी हासिल किया है, जिसे बागवानी में सबसे अधिक स्पष्ट रूप से देखा गया है। राज्य में बागवानी फसलों का दायरा 25 वर्षों में 4.80 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 20 लाख हेक्टेयर हो गया है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस बैठक में कहा कि केंद्र को राज्य सरकारों की मांगों को अधिक गंभीरता से लेना चाहिए। उन पर कोई नीति थोपी नहीं जानी चाहिए। केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच अधिक से अधिक सहयोग होना चाहिए।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने केंद्र सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के तहत खरीद की सीमा को बढ़ाकर उत्पादन का 50 प्रतिशत करने की अपील की। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के कार्यान्वयन के लिए सरकार से समर्थन मांगा।

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि केंद्र को संविधान के संघीय ढांचे के खिलाफ नहीं जाना चाहिए। सूचीबद्ध विषयों पर कानून राज्यों के परामर्श से बनाया जाना चाहिए। केंद्र सरकार को संविधान में राज्य सूची के मामलों में कानून बनाने से बचना चाहिए।

इस बैठक में पंजाब के सीएम भगवंत मान ने किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की मांग सहित राज्य से जुड़े मुद्दों को PM Modi के सामने रखा। पंजाब के सीएम ने कहा कि, “ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछले तीन साल में पंजाब से कोई नहीं आया। हमारे पूर्व के सीएम आराम की जिंदगी जी रहे थे। आज मैं डिटेल में होमवर्क करके गया, विस्तार से मैंने पंजाब के मसले नीति आयोग के सामने रखे। हम धान-गेंहू के चक्रव्यूह में फंसे गए हैं, पानी 500-600 फूट नीचे जा चुका है। पंजाब के 150 में से 117 जोन डार्क जोन में हैं। हम बहुत कुछ उगा सकते हैं, हमारी धरती उपजाऊ है। लेकिन हमें उस पर MSP नहीं मिल रही. एमएसपी से किसान दूसरी फसल लगाएगा और उसे उतना ही फायदा होगा।” 

सीएम मान ने कहा कि, “इस बैठक में सभी मुख्यमंत्रियों ने अपनी बात रखी। प्रधानमंत्री हमारे साथ सुबह 10 बजे से शाम लगभग 4:15 बजे तक बैठे और पाइंटस् नोट किए। हमने इस दौरान कई सुझाव दिए।” मुख्यमंत्री ने आगामी वर्ष 2023 में G-20 Summit के आयोजन के लिए कहा कि, “मैंने विदेश मंत्री जयशंकर के सामने अमृतसर का नाम उस स्थान के रूप में रखा है जहां सभी बैठकें होती हैं। हम अपनी संस्कृति का प्रदर्शन करेंगे।” (चित्र साभार गूगल)

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