पटना : महागठबंधन के लिए वर्ष 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से बाहर करने और कथित तौर पर खुद को प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में पेश करने का अभियान शुरू कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वापस बिहार की राजधानी पटना लौटे। पत्रकारों ने नीतीश जी से प्रशांत किशोर के चलाए जा रहे अभियान पर सवाल पूछ लिया। तो, मुख्यमंत्री नीतीश जी सवाल सुनते ही भड़क गए। नीतीश कुमार ने पत्रकारों से कहा कि “उनको क्या है, उनका कुछो नहीं है। एक बात जान लिजिए, अपलोग कुछ बोल रहे हैं उनके (प्रशांत किशोर) बारे में। तो, उनको पता है कुछ ? ABC मालूम है? वर्ष 2005 से बिहार में क्या-क्या काम हुआ है?…
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश जी ने अभी दुबारा भाजपा छोड़, राजद के साथ मिलकर नई सरकार बनाई है। राजद से अलग होते समय नीतीश ने लालू की सरकार को ” जंगलराज ” कह कर यूपीए गठबंधन से अलग हुए थे।
नीतीश कुमार के बयान के जवाब में जनसुराज अभियान के संयोजक प्रशांत किशोर ने कहा कि ” कल मैं नीतीश कुमार जी के बयान में देख रहा था कि नीतीश जी ने कहा है कि इन लोगों को पता नहीं है। ABC का ज्ञान है ? कि 2005 से बिहार में कितना काम हुआ है ?”
प्रशांत किशोर ने जबाव में कहा कि ” ठीक है भाई ! हमें ABC का ज्ञान नहीं है ! आपको तो A से लेकर Z तक का ज्ञान है। आप ई बता दीजिए कि बिहार में आपके रहते क्या क्या काम हुआ है ? बताने से भागते क्यों हैं ? बता दीजिए ! चलिए, हमको नहीं बताना चाहते हैं। तो, नीति आयोग को बता दीजिए। जो आंकड़े बना रहे हैं, उनको बता दीजिए। “
“बिहार के बेरोजगार युवकों को बता दीजिए कि उनकी नौकरी के लिए क्या क्या काम हुआ है ? बिहार की महिलाओं को बता दीजिए। जो, 50% जनता गरीबी रेखा के नीचे हैं, उनको बता दीजिए। बिहार की 8 करोड़ जनता एक दिन का 100 रुपया भी नहीं कमा पा रही है। 17 साल से नीतीश कुमार जी बिहार के मुख्यमंत्री हैं ! वह कह रहे हैं कि किसी को भी ABC का ज्ञान नहीं है !”
“अच्छा भाई, हमें तो ज्ञान नहीं है ! आप अपने ज्ञान से लोगों को बता दीजिए कि यहां के 8 करोड़ लोगों की आय 100 रुपए से आगे क्यों नहीं बढ़ रहा है ?”
“आप अपने ज्ञान से बता दीजिए कि बिहार के युवाओं को कि उनको नौकरी कब मिलेगी ? उनको रोजगार कब मिलेगा ?”
“आप अपने ज्ञान से बता दें कि बिहार के लोगों की स्थिति कब सुधरेगी ? बिहार के शहरों की, गांवों की, गलियों की, सबकी स्थिति कब सुधरेगी ? आप बता दीजिए।”
“किसी को यह कहना कि ज्ञान नहीं है ! ठीक है भाई, ज्ञान नहीं है ! बिहार में एकमात्र पढ़े लिखे व्यक्ति नीतीश कुमार हैं। सिर्फ नीतीश कुमार ही हैं, दूसरे व्यक्ति को ज्ञान नहीं है !”
“एक बात जरूर नीतीश कुमार जी ने कहा कि वह आनेवाले एक साल में 10 लाख सरकारी नौकरी दे देंगे। 17 साल मुख्यमंत्री रहने के बाद, आज आपको याद आया कि 10 लाख सरकारी नौकरी दी जा सकती है ! आपको इसको दे सकते थे या दे सकते हैं। तो, आप अभी तक रुके हुए क्यों थे ? पहले ही दे सकते थे ! लेकिन चलिए ! नीतीश कुमार जी इतने बड़े नेता हैं, उनको A से लेकर Z तक आता है ! दूसरे को ABCD भी नहीं आता है।”
“तो साहब ! अब 10 लाख नौकरी दे दीजिए। आप ठीक कह रहे हैं। तब हम जैसे लोगों को अभियान चलाने की क्या जरूरत है ? आप 10 लाख नौकरी दे दीजिए, हम अपना अभियान बंद कर देंगे। सिर्फ, अभियान ही वापस नहीं लेंगे। उनके पीछे खड़े हो कर, उनको अपना नेता मानकर, जैसे वर्ष 2015 में उनका काम कर रहे थे। वैसे ही, फिर से उनका काम करने लगेंगे। 12 महीना में एक महीना निकल गया, दूसरा महीना चालू है ! 12 महीना होने दीजिए। उसके बाद उनसे पूछेंगे। किसको ABC का ज्ञान है और किसको XYZ का ज्ञान है ? “
जनसूराज के अभियान पर निकले प्रशांत किशोर इसके संयोजक भी हैं। प्रशांत किशोर के अभियान पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान आने के बाद राज्य की राजनीति में उबाल शुरू हो चुका है। नीतीश के बयान आने के बाद जबाव में प्रशांत किशोर ने भी बयान दिया। प्रशांत किशोर के जबाव ने बिहार के लोगों सहित बिहार की राजनीतिक दलों को भी राह दिखने लगा है कि नीतीश और राजद के गठजोड़ का वास्तविक चरित्र क्या है !