देहरादून : पिथौरागढ़ के ‘प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल-धारचूला’ ने वर्ष 2000 के बाद से आए 91 दुकानदारों के रजिस्ट्रेशन रद्द किए हैं। इनमें ज्यादातर मुस्लिम समुदाय के हैं। पिथौड़ा गढ़ के लोगों के अनुसार उत्तराखंड राज्य में मुसलमान समुदाय की संख्या तेजी से बढ़ रही है और वे लोग यहां के संसाधनों, व्यवसाय, जमीन पर कब्जा कर रहे थे। मुसलमान लोग जंगलों में और सड़क किनारे कहीं भी मजार बना रहे हैं। कोई कानून नहीं मानते हैं। पड़ोसी हिंदू है तो उसे परेशान करता है, लड़कियों और महिलाओं से छेड़छाड़ और बदतमीजी करते हैं। मुसलमान समुदाय द्वारा उत्तराखंड में अराजकता और आतंक का हम इंतजार नहीं कर सकते। इसलिए पिथौरागढ़ के ‘प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल-धारचूला’ ने साफ सुथरे उत्तराखंड के लिए एक शुरुआत की है और वर्ष 2000 के बाद धारचूला आए 91 दुकानदारों के रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिए हैं। इनमें से ज्यादातर मुस्लिम समुदाय के हैं।

धारचूला शहर का व्यापारी संगठन प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल धारचूला ने यह अभियान चलाते हुए स्थानीय लोगों से अपील कर रहा है कि वे ‘बाहरी लोगों’ खासकर मुसलमानों को दुकान और घर किराए पर न दे।

पिथौरागढ़ के व्यापार मंडल का कहना है कि मुस्लिम्स पिछले कुछ वर्षों से शहर में बस रहे हैं और स्थानीय पारिस्थितिकी को बिगाड़ने लगे हैं, अपने अनुकूल बनाने में लगे हैं। जंगलों में और सड़कों आदि किसी भी जगहों पर मजार बना रहे हैं अतिक्रमण कर रहे हैं। प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के महासचिव महेश गर्बियाल ने कहा कि जिन 91 दुकानदारों के रजिस्ट्रेशन रद्द हुए है उनमें से लगभग 85 मुस्लिम समुदाय से हैं जबकि अन्य हिंदू हैं। इनमें से अधिकतर वे लोग है जो साल 2000 के बाद धारचूला आए। जिस वर्ष उत्तराखंड उत्तर प्रदेश से अलग होकर बना था।

इस अभियान की शुरुआत की वजह 1 फरवरी 2024 को मुस्लिम समुदाय का एक व्यक्ति नाबालिग लड़कियों को अपने साथ ले कर भाग गया। जिस कारण स्थानीय संगठन ने पिछले महीने धारचूला शहर के बाजार में विरोध प्रदर्शन भी किया था। हालांकि पुलिस ने घटना के दो दिन के अंदर ही शख्स को बरेली से गिरफ्तार किया। उसपर किडनैपिंग, यौन उत्पीड़न के आरोप और पॉक्सो के तहत मामला दर्ज किया गया।

धारचुल SDM मंजीत सिंह ने मीडिया से कहा कि नाबालिग लड़कियों को भागने के मामले के बाद इस समुदाय के प्रति स्थानीय लोगों में नाराजगी पैदा हो गई है। उन्होंने कहा कि जो भी दुकानदार व्यापारियों के संगठन द्वारा किसी भी उत्पीड़न की शिकायत कर रहे है, उन्हें प्रशासन सुरक्षा दे रही है। सभी स्थानीय समुदायों के लोगों के साथ बातचीत करने के लिए कई दौर की बैठकें की जा रही है।

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