पुणे : मॉडर्न महाविद्यालय (स्वायत्त), हिंदी विभाग (शिवाजीनगर, पुणे) ने 10 मार्च को कविता संग्रह ‘तब जाकर मुझे छाँव मिली’ के विमोचन समारोह का आयोजन किया।

मेरा जीवन संघर्ष विषय पर आधारित साझा कविता संग्रह के लिए मॉडर्न महाविद्यालय के हिंदी विभाग की ओर से कविताएँ भेजने का आह्वान छह माह पूर्व किया गया था। हिंदी विभाग को इसके लिए भारत भर से बहुत अच्छा प्रतिसाद मिला और लगभग 90 कविताएँ प्राप्त हुई। प्राध्यापक, हिंदी प्रेमी, वरिष्ठ कवि, निमंत्रित कवि आदि के जीवन संघर्ष विषय पर कविताएँ इस पुस्तक में संकलित की गई हैं। विभिन्न  प्रकार से  जीवन के संघर्ष को अभिव्यक्ति करने वाली इन कविताओं का संकलन और संपादन का कार्य डॉ. प्रेरणा उबाळे ने किया।शैलजा प्रकाशन, कानपुर के श्री. आशुतोष तिवारी ने पुस्तक का प्रकाशन किया। इस पुस्तक की भूमिका डॉ. सुनील देवधर ने लिखी है।

समारोह में सचिव प्रा. शामकांत देशमुख, मॉडर्न महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजेंद्र झुंजारराव, उप प्राचार्य डॉ. विजय गायकवाड और हिंदी विभाग प्रमुख डॉ. प्रेरणा उबाळे के करकमलों से पुस्तक का विमोचन किया गया।

डॉ. सुनील देवधर जी ने अपने व्याख्यान में कविता, कवि और शब्दों के महत्व पर प्रकाश डाला और सभी कवियों के लेखन की प्रशंसा की। प्राचार्य डॉ राजेंद्र झुंजारराव ने छात्रों के लेखन को सराहा तथा जीवन को उन्नत बनाने के लिए संघर्ष को आवश्यक माना। संस्था के सचिव और प्रशासन विभाग के उपप्राचार्य प्रा. शामकांत देशमुख जी ने कविता-संग्रह के शीर्षक की सराहना की। साथ ही मराठी हिंदी के कवि और उनके जीवन से संबंधित कुछ  किस्सों को ताजा किया।

विमोचन समारोह में पुस्तक के लिए लेखन करने वाले उपस्थित कवियों को मान्यवर महानुभावों के हाथों “तब जाकर मुझे छाँव मिली” पुस्तक भेंट करने के उपरांत उपस्थित कवियों में वाइ. के. सिंह, नंद कुमार मिश्रा, अमिताभ आर्य, दत्ता  नागोसे आदि ने अपने मंतव्य ने अपने मंतव्य अभिव्यक्त किये और इसमें सहभागी होने की खुशी जताई।

इस विमोचन समारोह में पुणे के विभिन्न महाविद्यालयों के प्राध्यापक और छात्र बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कार्यक्रम का संपूर्ण संयोजन हिंदी विभागप्रमुख डॉ. प्रेरणा उबाळे ने किया और मंच संचालन प्रा. असीर मुलाणी और प्रा. संतोष तांबे ने किया।

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