नई दिल्ली : रविवार 21 जनवरी दीन दयाला उपाध्य मार्ग स्थिति राजा राममोहन राय भवन में “एक शाम भारतीय भाषाओं” कवियों एवं वक्ताओं की दृष्टि से एक अनोखा कार्यक्रम रहा। जिसमे न्यूज 18 के प्रचलित शो “नेता जी लपेटे में” के जाने माने कवि नीर गोरखपुरी और विनीत पांडे ने भारतीय भाषाओं पर अपनी बहतरी कविताओं से श्रोताओं का मन मोह लिया।

कार्यक्रम में शिरकत कर रही गायिका प्रियंका कुमारी ने राम पर भजन गाकर माहौल को राममय बना दिया। जिससे सभागार में बैठे लोगो मंत्रमुग्ध हो गए, तो वही कवि भारत आर्य ने राम राज्य पर पढ़ी गई कविताओं से वर्तमान की सामाजिक और परिवार आपाधापी पर बढ़ती दूरियों को मिटाने की दृष्टि से काव्य पाठ किया। इसके साथ ही, विश्व के सबसे लंबे भाषाई आंदोलन के पुरोधा पुष्पेंद्र चौहान की अध्यक्षता में कार्यक्रम की शुरुआत की गई। उहोंने भाषाई संघर्षों को लेकर अपनी बात रखी, अन्य वक्ताओं में प्रोफेसर आरपी जोशी, लोकसभा एंकर रामवीर श्रेष्ठ, अखण्ड हिंदुस्थान के अध्यक्ष किरणपाल त्यागी, संगीत निदेशक मुकेश पाण्डेय, वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ संजय व भाषाई आदोलनकारी अखलेश गौड़, प्रोफेसर एसके पांडे, दबंग दिल्ली के संपादक मनोज स्वराजी ने अपनी अपनी बात रखी।

कार्यक्रम के सहयोगी देवेंद्र आर्य निदेशक भगत जी बलूशाई वाले, भारतीय भाषा आंदोलन के संयोजक पुष्पेंद्र, चौहान एवम हरपाल की चौपाल के संयोजन हरपाल सिंह राणा, लिविन ओर्गैक के संस्थापक जेपी जोशी, समाजसेवी राजा भागीरथ, पहल अ माइल स्टोन के संपादक शूरवीर नेगी, देश की पहली महिला ऑटो रिक्शा चालक सुनीता चौधरी द्वारा भाषा आंदोलन पर अपने विचार व्यक्त किए।

कार्यक्रम का संचालन जनसंसद न्यूज के संपादक दीनानाथ और बीजेपी एनआरआई सेल के सदस्य राकेश कुमार झा द्वारा किया गया। कार्यक्रम में पत्रकार चंदन कुमार, मुरार कंडारी, मोना, विवेक कक्कड़, रोहित शर्मा, नवभारत टाइम्स से राजेश पोद्दार सहित महमानों में तुषार, गीता रेखरी, सचिन अरोड़ा, प्रदीप प्रजापति, सुरेंद्र बघेल, नवीन सोलंकी सहित की रंगमंच जगत से गायक और कलाकार आदि अन्य व्यक्ति मौजूद रहे। कार्यक्रम का आयोजन प्रखर दृष्टि पत्रिका द्वारा किया गया।

पत्रिका के विशेष संवादादता अर्जुन सिंह और सहयोगी प्रकाश मेहरा ने उपस्थिति सभी व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया और भविष्य में इस श्रृंखला को जारी रखने की घोषणा की, उन्होंने इस बात से आने वाले समय में भारतीय भाषाओं के संरक्षण पर एक बड़े आंदोलन की ओर इशारा किया।

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