DDU-college-teahers-and-staffs-1.jpg February

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नई दिल्ली : कॉलेज के गेट पर बुधवार को धरना दे रहे प्रोफेसरों ने बताया कि चार महीने से सैलरी न मिलने के कारण दिल्ली के दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज के प्रोफेसर और कॉलेज स्टाफ धरना-प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दिन, बुधवार को लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन मोदी सरकार 2.0 का बजट पेश कर रही थीं। दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज स्टाफ एसोसिएशन ने 2 फरवरी और 3 फरवरी को धरना प्रदर्शन किया और इस दौरान कक्षाओं के साथ अन्य सभी गतिविधियां भी निलंबित रही। एसोसिएशन ने लोगों से इस प्रदर्शन में शामिल होने की भी अपील की थी।

DDU कॉलेज के प्रदर्शन में शामिल शिक्षकों ने बताया कि बीते चार महीने से उन्हें सैलरी नहीं मिली है। उन्हें पैसे उधार लेकर काम चलाना पड़ रहा है और इसके चलते उनका जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है। हम पहले भी सैलरी की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन कर चुके हैं। वेतन नहीं मिलने के कारण कॉलेज में हम धरना देने को मजबूर हुए हैं और ऐसा ही रहा तो आने वाले दिनों में वह अपना विरोध तेज करेंगे। दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित है।

तो 3 फरवरी शुक्रवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित 12 कॉलेज के शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को तनख्वाह का भुगतान करने को लेकर धरना दिया।दिल्ली सरकार द्वारा पिछले तीन साल से तनख्वाह का कथित रूप से अनियमि भुगतान और अन्य बकाये को लेकर दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज के शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारी बृहस्पतिवार हड़ताल पर चले गए थे। कॉलेज कर्मचारी संघ का कहना है कि केजरीवाल सरकार ने सितंबर तक के ही वेतन का भुगतान किया है।

दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने दिल्ली सरकार मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकारी स्कूल के शिक्षकों को फिनलैंड भेजने के लिए केजरीवाल सरकार उपराज्यपाल से लड़ रही है। जबकि उसे इन कॉलेज के शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों की बिल्कुल भी फिक्र नहीं है, जिन्हें कड़ी मेहनत करने के बावजद वक्त पर वेतन नहीं दिया जाता।

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