नई दिल्ली : राहुल गाँधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा 12 दिनों में करीब 200 किलोमीटर का सफर तय करके केरल के चेप्पुड पहुंच गई है। अब अगले 12 दिन अभी यात्रा केरल के विभिन्न जिलों से गुजरते हुए एक अक्टूबर को कर्नाटक में दाखिल हो कर तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से गुजरेगी। इन प्रदेशों में कांग्रेस की स्थिति कमजोर है। आंध्र प्रदेश विभाजन के बाद 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस खाता तक नहीं खोल पाई थी।
कांग्रेस को तेलंगाना विधानसभा में 19 सीट मिली थी। वर्ष 2019 में कांग्रेस केवल तीन सीट जीति थी। और, कर्नाटक में अभी भाजपा सरकार है और प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। राजनितिक हलकों में चर्चा है कि राहुल गाँधी के इस पदयात्रा का यहीं से इम्तेहान शुरू होगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने मीडिया से कहा कि इस पदयात्रा को कर्नाटक में भी जनसमर्थन मिलेगा। लेकिन कांग्रेस के अन्य नेताओं का कहना है कि शायद कर्नाटक में पूरी यात्रा के दौरान तमिलनाडु और केरल जैसा समर्थन नहीं मिल पाए।
आगामी विधानसभा चुनाव के लिए इस पदयात्रा को अहम कहा जा रहा है। 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को 80 सीट मिली थी, पर अभी तक10 विधायक पार्टी छोड़ चुके हैं। कर्नाटक में भारत जोड़ो यात्रा 21 दिन में करीब 511 किलोमीटर का सफर तय करेगी। कांग्रेस ने वर्ष 2019 में तमिलनाडु और केरल दोनों राज्यों में लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया था। कांग्रेस पार्टी की 52 में से 23 सीट इन दोनों राज्यों से हैं और राहुल गांधी भी वायनाड सीट से सांसद हैं। जबकि, कर्नाटक में पार्टी के पास सिर्फ एक लोकसभा सीट हैं।
कर्नाटक कांग्रेस के नेताओं के अनुसार कार्यकर्ता यात्रा को लेकर उत्साहित हैं और यह पदयात्रा भी प्रदेश में सफल रहेगी, हमें आनेवाले चुनाव में उम्मीद है। अभी कर्नाटक में हम भाजपा और जेडीएस के खिलाफ चुनाव लड़ने जा रहे हैं। हम लोगों तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश करेंगे। (चित्र साभार सोशल मीडिया)