रांची, 17 जुलाई 2022: शनिवार को देर रात रांची के गोंदा थाना के कांके रोड में चांदनी चौक स्थित अपार्टमेंट से न्यूज 11 भारत का मालिक अरुप चटर्जी को गिरफ्तार किया गया। धनबाद पुलिस ने रांची पुलिस की मदद से अरूप चटर्जी को उनके घर से गिरफ्तार किया। सूत्रों के अनुसार इस समाचार के लोगों में जाते ही झारखण्ड के सभ्य समाज के पीड़ित लोगों में हर्ष की लहर दौड़ गई।
सूत्रों के अनुसार अरूप चटर्जी धनबाद के एक व्यवसायी को ब्लैकमेलिंग कर रहा था, जिसका साक्ष्य उक्त व्यवसायी के पास है, जिसे उसने पुलिस को भी उपलब्ध कराया है। जैसे ही न्यायालय से वारंट निर्गत हुआ। धनबाद पुलिस, रांची के गोंदा पुलिस के साथ मिलकर अरुप को उसके आवास पर से धर दबोची, उसे भागने का मौका ही नहीं मिला। जिस मामले में अरुप गिरफ्तार हुआ है, मामला रंगबाजी-रंगदारी और ब्लैकमेलिंग का ही है। अरूप की गिरफ़्तारी की खबर सुनते ही पीड़ित लोग झारखण्ड की हेमन्त सरकार और झारखण्ड पुलिस को बधाई देने लगे।
अपने चैनल News11 भारत के माध्यम से द्वारा अरुप चटर्जी का मूल काम राज्य के पुलिस अधिकारियों, प्रशासनिक अधिकारियों व सम्मानित व्यवसायियों तथा राजनीतिक दलों के नेताओं को ब्लैकमेलिंग करना हुआ करता था। अपने रिपोर्टरों के माध्यम से ब्लैकमेल के धंधे में वर्षों से लगा हुआ था। किन्तु स्थानीय पुलिस की हिम्मत नहीं होती थी कि अरूप के गिरेबां पर हाथ डाल सके। क्योंकि जैसे ही राज्य में सत्ता पलटती थी, यह उस सत्ताधारी पार्टी के साथ जुड़ जाता और सीधे मुख्यमंत्री से इंटरव्यू के नाम पर मधुर संबंध बना लेता और लोगों से अनैतिक रुप से पैसे वसूलता था, जिसमें उसके रिपोर्टर उसे दिलोजां से मदद करते हैं।
गिरफ्तार अरुप चटर्जी के खिलाफ धनबाद के गोविंदपुर में 27 जून को प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने बताया कि व्यवसायी से अरुप चटर्जी ने अपने रिपोर्टर की मदद से 11 लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी, जिसमें व्यवसायी ने भय से करीब छह लाख रुपये का भुगतान भी कर दिया था, पर छह लाख रुपये लेने के बाद भी अरुप चटर्जी ने अपने चैनल पर झूठी खबर चला दी।
कई पत्रकार संगठनों सहित बिहार-झारखण्ड, बंगाल के पत्रकारों का संगठन AISMJWA ने अरुप चटर्जी की गिरफ्तारी पर राज्य की पुलिस को बधाई दी। इन्होने अरुप चटर्जी जैसे पत्रकार को पत्रकारिता का कलंक कहा।