महबूबा मुफ़्ती

महबूबा मुफ़्ती

श्रीनगर, 8 अगस्त 2022: महबूबा के पिता मुफ़्ती मोहमद सईद 1989 में वी.पी. सिंह के नेतृत्व में बनी राष्ट्रिय मोर्चा सरकार में देश के पहले गृह मंत्री बनाये गए थे और वी.पी. सिंह प्रधानमंत्री बने थे। सरकार बनने के पांच दिन बाद ही महबूबा की बहन रुबिया का 8 दिसंबर 1989 को जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट JKLF के नेताओं ने अपहरण कर लिया था। इसके बदले महबूबा के पिता मुफ़्ती मोहमद सईद के आग्रह पर सरकार ने पांच खतरनाक आतंकवादी छोड़े थे।

122 घंटे बाद अपहरणकर्ताओं ने रूबिया सईद को 13 दिसंबर को रिहा किया। उसी रात विशेष विमान से रूबिया सईद को दिल्ली लाया गया। हवाई अड्डे पर तत्कालीन गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने कहा कि एक पिता के रूप में मैं खुश हूं लेकिन एक राजनेता के रूप में मैं समझता हूं कि ऐसा नहीं होना चाहिए था।

अपने परिवार में हुई इस घटना को शायद भूलकर जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती Mehbooba Mufti अक्सर भारत के खिलाफ नफरत की खेती करती हैं।

इस बार देश में ‘हर घर तिरंगा‘ आयोजन पर हिंदुस्तान के खिलाफ विचार व्यक्त करने के लिए बीजेपी पर हमलावर होती हुई बोली कि “बीजेपी ने तिरंगे का भी राजनीतिकरण किया है और अब लोगों को हर घर झंडा फहराने की धमकी दी जा रही है।” उन्होंने आगे बोलते हुए कहा कि क्या यही नया कश्मीर है? महबूबा ने प्रधानमंत्री को चुनौती देते हुए कहा, “अगर आप में दम है तो चीन की ओर से अवैध रूप से कब्जा की गई जमीन के हिस्से में तिरंगा फहराने की हिम्मत करें। कश्मीर घाटी में लोगों को तिरंगा फहराने के लिए मजबूर करने से कुछ हासिल नहीं होगा।”

श्रीनगर में पीडीपी ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने आज के दिन को ‘काला दिन’ और 370 हटाए जाने को ‘काला फैसला’ करार दिया। अनुच्छेद 370 को आज ही के दिन तीन साल पहले केंद्र की मोदी सरकार ने खत्म किया है। इसके साथ ही राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के रूप में विभाजित किया गया है।

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने ‘हर घर तिरंगा’ अभियान का विरोध करते हुए कहा कि “भाजपा इस देश का झंडा वैसे ही बदल देंगे, जैसे उन्होंने जम्मू-कश्मीर का संविधान और झंडा छीन लिया। लेकिन, हमने कसम खाई है कि अपना झंडा और संविधान वापस ले कर रहेंगे। हम उन्हें कश्मीर के मुद्दे को हल करने के लिए भी मजबूर करेंगे, जिसके लिए लाखों लोगों ने बलिदान दिया है।” (चित्र साभार गूगल व अमर उजाला)

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