नई दिल्ली : प्रकाशक, संपादक और युवा भारत के एक्टिविस्ट दयानंद कनकदंडे की याद में 3 अगस्त’24 को प्रेस क्लब दिल्ली में सभा का आयोजन किया गया है। दयानन्द कनकडंडे का 38 वर्ष की आयु में 25 जून’24 को रात 9 बजे के आसपास दुर्घटना से निधन हो गया। वह पत्नी मोहिनी करांडे संग पुणे के दिघी में हाउसिंग सोसाइटी में रह रहे थे।
अंबेडकरवादी और मार्क्सवादी विचारधारा से प्रभावित दयानंद कनकदंडे मूलरूप से महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिला के निवासी थे। अपने प्रगतिशील सोच-व्यवहार के फलस्वरूप वे अपने शुरुआती दिनों में मार्क्सवाद की ओर उन्मुख हुए और महाराष्ट्र में सामाजिक संरचना पर वैचारिक प्रभाव से प्रभावित हो अंबेडकरवाद और मार्क्सवाद के सामंजस्य को लेकर समाज में कार्य करने लगे।
दयानन्द कनकडंडे युवा भारत संगठन के राष्ट्रीय संयोजक पद ग्रहण कर देशभर में युवाओं को रोजगार, शिक्षा और सामाजिक बदलावों के मुद्दे पर जोड़ने का कठिन कार्य किया। दयानन्द कनकडंडे एक ईमानदार, कर्मठ, जिज्ञासु और अध्ययनरत व्यक्ति रहे।
उन्होंने अपने सांगठनिक और वैचारिक गतिविधियों में हर प्रश्न पर ईमानदार चिंतन किया और उसे कर्मठता के साथ लागू करने की कोशिश करते रहे। अपने उम्र और समय के चढ़ाई पर पहुंच कर वे विवाह कर पत्नी मोहिनी करांडे के अगुवाई में मैत्री प्रकाशन से व्यवसाय की शुरुआत की।
मैत्री प्रकाशन से उन्होंने हिन्दी और अंग्रेजी साहित्य को मराठी में लाने का प्रयास किया। उन्होंने कोरोना काल में आदिवासियों, दलितों, खानाबदोशों और वंचित मानव समूहों के लिए कार्य किया। अंबेडकरवादी, मार्क्सवादी और प्रगतिशील साहित्य के साथ उन्होंने कई पुस्तकें प्रकाशित की।
उनके परिवार में उनकी पत्नी, माता और पिता हैं। उनके अचानक चले जाने पर युवा भारत सहित ‘समतावादी आंदोलन’ के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने दुख व्यक्त किया। पुणे, मुंबई सहित महाराष्ट्र के विभिन्न संगठन, मित्र, परिवार व कार्यरत सहयोगियों ने पुणे शहर में 7 जुलाई को एसएम जोशी सोशलिस्ट फाउंडेशन, नवी पेठ में एक सभा अयोजित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
दिल्ली में दयानंद कनकडंडे को याद करते हुए शनिवार 3 अगस्त 2024 को संध्या 4 बजे से प्रेस क्लब, रायसीना रोड, सेंट्रल सेक्रेटेरिएट मेट्रो,विंडसर प्लेस, नई दिल्ली में ‘दयानंद अभिवादन सभा’ का आयोजन किया गया है।