रांची : शहर के सुप्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता नदीम खान की पहल पर शहर के अल्पसंख्यक समुदायों के प्रमुखों ने मिलकर रांची मनरेसा हॉउस स्थिति हॉफमैन लॉ एसोसिएट ऑफिस, रांची में नववर्ष 2023 की एक दूसरे को बधाई दी।

अधिवक्ता फा. महेंद्र पीटर तिग्गा ने इस अवसर पर newspcm से बात करते हुए कहा कि नए वर्ष 2023 में मैं झारखंड के सभी अल्पसंख्यकों से यह कहना चाहता हूं कि वर्तमान केंद्र सरकार भारतीय संस्कृति और रिवाज को संविधान से ऊपर रख कर शासन करना चाहती है, जबकि संविधान भारत में सभी संकृति और पहचान के समावेश करने की बात है। हम संविधान को सर्वोपरि मानने की बात सरकार को कहते हैं।

जैन समुदाय को पारसनाथ पर्वत के श्री सम्मेद शिखर जी की शुद्धता और पवित्रता बनाए रखने के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है। देश के अल्पसंख्यक समुदायों की संस्कृति, रिवाज, पहचान और अधिकारों की रक्षा करना सरकार की पहली जिम्मेवारी है। लेकिन यह सरकार सिर्फ आमदनी बढ़ाने के चक्कर में रहती हैं।

हम अपने सभी अल्पसंख्यक समुदाय से कहना चाहते हैं कि देश के आज के हालात में हम अपने सामुदायिक मुद्दों को एक साथ जोड़कर गतिविधियों को आगे बढ़ाएं।

आयोजन में फ़ादर महेंद्र पीटर तिग्गा को अंगवस्त्र, उपहार देकर सभी अल्पसंख्यक प्रतिनिधियों ने केक खाया। और, नव वर्ष के कार्यक्रम में भारत के संविधान के साथ आगे बढ़ने का संकल्प लिया।

कार्यक्रम में अधिवक्ता फ़ादर महेंद्र पीटर तिग्गा, प्रभाकर तिर्की, रतन तिर्की, झारखंड बार काउंसिल के अधिवक्ता ए. के. रशीदी, सामाजिक कार्यकर्ता नदीम खान, पूर्व सरकारी अधिवक्ता योगेंद्र प्रसाद, सिख समुदाय के प्रोफेसर हरबिंदर बीर सिंह, जैन समुदाय के अजय जैन, संजय जैन शामिल रहे। (प्रेस विज्ञप्ति नदीम खान द्वारा जारी)

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