नई दिल्ली : बिहार के कथित समाजवादी जननायक लालू प्रसाद यादव और बेटा तेजस्वी सहित परिवार पर जमीन के बदले नौकरी का मामला (Land For Job Case) कोर्ट में चल रहा है। यह तब का मामला जब सामाजिक न्याय के मसीहा लालू भारत सरकार में रेल मंत्री थे। इस परिवार सहित तेजस्वी और लालू ने सीबीआई के इस आरोप को शुरू से नकारते रहा है। लेकिन बिहार की जनता को सब पता है, ‘पब्लिक है सब जानती है !’

इस से संबंधित एक नए खुलासे को जदयू के पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने अंजाम दिया है। राजद प्रमुख लालू यादव पर सीधा के बारे में बोला है कि “लालू ने रेल मंत्री रहते हुए रेल में नौकरी के बदले जमीन घोटाले में अपने बड़े भाई मंगरू यादव को भी नहीं छोड़ा। लालू ने अपने सगे बड़े भाई मंगरू यादव के दो पुत्रों को रेलवे में नौकरी दी और बदले में भाई की जमीन लिखवा ली।”

जदयू नेता नीरज ने इस मामले में राजद नेता लालू पुत्र तेजस्वी यादव के बारे में कहा कि “बिहार की जनता नौकरी को लेकर उनके परिवार के रिकॉर्ड को जानती है।नौकरी बदले जमीन लेने में लालू ने सगे भाई को भी नहीं छोड़ा। बिहार में नौकरियों में तेजस्वी नाहक अपना श्रेय लेने का प्रयास कर रहा है।”

जदयू के पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि “दूसरी तरफ, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासन में बिना जमीन लिए मंगरू यादव की पुत्रबधु गुंजन यादव को कार्यालय सचिव की नौकरी मिली। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और उनके परिवार के बारे में राज्य की जनता जानती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने युवाओं को नौकरी दी। दूसरी तरफ लालू प्रसाद नौकरी के बदले जमीन लिखवा कर जमींदार बन गए। आज पटना में लालू प्रसाद यादव के पास 43 बीघा 12 कट्ठा, मुजफ्फरपुर में 23 बीघा के अलावा औरंगाबाद, छपरा और गोपालगंज में कई बीघा जमीन है।”

जदयू नेता नीरज ने तेजस्वी यादव से पूछा कि “उन्हें पता है कि राजद शासनकाल में बेटियों को कितनी नौकरी मिली। राजद की कोई एक उपलब्धि बताएं तेजस्वी”। JDU के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने भी बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष राजद के तेजस्वी यादव से सवाल पूछे कि “घोटालों, गुंडाराज और जमीन कब्जा के अलावा राजद की कोई एक उपलब्धि बता दें तेजस्वी यादव। तेजस्वी की राजनीति अब बेफिजूल बयानबाजी तक रह गयी है।”

राजीव रंजन ने कहा कि “तेजस्वी यादव यह बताएं कि उनके माता-पिता के शासन में बिहार को बीमारू राज्य क्यों कहा जाता था? आज नीतीश शासन में बिहार की विकास दर लगातार क्यों आगे बढ़ रही है? राजद के राज में देश भर में बिहारी शब्द गाली की तरह प्रयोग किया जाता था किंतु आज ऐसा क्यों नहीं होता? वह बताएं कि उनके माता-पिता के शासन काल को अदालत ने जंगलराज क्यों कहा था? उस समय सड़कों का हाल क्या था और आज क्या है? राजद के राज में जातीय संघर्ष और नरसंहार किसके शह पर होते थे? लालू के बच्चे नाबालिग रहते हुए व करोड़पति कैसे बन गए? हमें यह पता है कि तेजस्वी अपने राजनीतिक गुरु राहुल गांधी की तरह ‘वार करो और भाग जाओ’ की नीति पर चलते हैं। इसलिए वह इन प्रश्नों के जवाब कभी नहीं देंगे।”

जदयू नेता राजीव रंजन और नीरज कुमार के इस सवाल पर अभी तक लालू, तेजस्वी या आरजेडी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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