पटना, 25 अगस्त 2022: लालू यादव रेल मंत्री रहते हुए नौकरी के बदले जमीन लिखवाते थे। करीब 14 साल पुराने इस भ्रष्टाचार में पटना से गुरुग्राम तक CBI रेड हो रही है। कुल मिलाकर अब तक 25 जगहों पर छापे पड़े। आरजेडी ने इसे बदले की कार्रवाई बताया है। बिहार में 14 साल पुराना भ्रष्टाचार का मामला उजागर होने के बाद सियासी घमासान मचा हुआ है।
अपने भ्रष्टाचारी करतूत के उजागर होने पर लालू यादव चारा चोर से संबोधित होने लगे। सेकुलर और समाजवादी राजनीति के छाता के निचे लालू यादव रेल मंत्री रहते हुए नौकरी के बदले जमीन कब्जाया करते थे। रेल मंत्री रहते हुए लालू यादव ने पटना के 12 लोगों को ग्रुप डी में भ्रष्ट तरीके से नौकरी दी और उनसे अपने परिवार के लोगों के नाम पटना में जमीनें लिखवा ली।
लालू यादव ने अपनी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव के नाम इन प्लॉट्स की रजिस्ट्री कराई और जमीन की मामूली कीमत नगद में चुकाया। सीबीआई ने उस मामले की जांच तेज करते हुए बुधवार को बिहार, दिल्ली और हरियाणा में कुल 25 ठिकानों पर छापेमारी की। इससे पहले सीबीआई ने लालू यादव के करीबी भोला यादव को गिरफ्तार भी किया है।
लालू यादव ने रेलवे में जिन पदों पर भर्ती की उसका न तो विज्ञापन निकाला गया और न ही सेंट्रल रेलवे को सूचना दी। आवेदन देने के 3 दिन के अंदर नौकरी दे दिया। लेकिन सीबीआई के छापे पर आरजेडी का कहना है कि जिस दिन विधानसभा में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की नई सरकार का शक्ति परीक्षण होना था, उसी दिन सीबीआई ने राजद के एमएलसी व् अन्य लोगों के ठिकानों पर छपे मारे। ये छापेमारी बदले की कार्रवाई है।
सीबीआई को पड़ताल में पता चला कि लालू यादव की पत्नी और बेटियों के नाम पटना में कुल 1 लाख वर्गफीट से ज्यादा की जमीन ली गई और सीबीआई के पास इसके सबूत भी मौजूद हैं। सर्किल रेट के हिसाब से जमीन की कीमत कम से कम 4 करोड़ 39 लाख 80 हजार 650 रुपये है। जिसे उस वक्त सर्किल रेट से भी कम में नकद पैसे देकर खरीदा गया था। पटना में तीन सेल डीड राबड़ी देवी के नाम है। दो डीड फरवरी 2008 की है, जिसमें 3375-3375 वर्ग फीट के 2 प्लॉट हैं।
तीसरी सेल डीड 2015 की है जिसमें 1360 वर्ग फीट का एक प्लॉट है। इसके अलावा पटना में ही 2007 की एक सेल डीड लालू की बेटी मीसा भारती के नाम है जिसमें उन्हें 80,905 वर्गफीट का प्लॉट दिया गया। पटना में ही दो गिफ्ट डीड लालू की बेटी हेमा यादव के नाम है। जिसमें हेमा यादव को 3375 वर्गफीट का प्लॉट दिया गया। दूसरा 3375 वर्ग फीट का प्लॉट 2014 में हेमा यादव को गिफ्ट किया गया।
सीबीआई ने अपनी जाँचरिपोर्ट में बताया कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए पटना के रहने वाले 12 लोगों को रेलवे के 6 अलग अलग ज़ोन में ग्रुप डी के अंदर पहले बतौर सब्स्टिट्यूट नौकरी दी फिर उन्हें रेग्युलर कर दिया। उन आरोपियों को 2008-09 के बीच मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर, हाजीपुर में नौकरी दी गई। जबकि रेलवे ने कोई विज्ञापन तक नहीं निकाला। आवेदन देने के 3 दिन के अंदर भर्ती हो गई। सेंट्रल रेलवे को खबर तक नहीं दी गई।
कुल ऐसे सात मामले थे जिसमें नौकरी के बदले जमीन ली गई और ज्यादातर मामलों में जमीन खरीदने में नकद भुगतान किया गया। 23 सितंबर 2021 को शुरू की गई अपनी प्राथमिक जांच में सीबीआई ने पाया कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में जिन लोगों को अवैध रूप से चतुर्थ श्रेणी की नौकरियां दी, उसके बदले उनसे औने-पौने दाम पर ज़मीनें ली।
इस मामले में सीबीआई ने 18 मई 2022 को भ्रष्टाचार निरोधक कानून और आईपीसी की धारा 120 बी के तहत एफआईआर दर्ज की थी। जिसमें लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देव, बेटियां मीसा भारती और हेमा यादव समेत उन 12 लोगों को भी आरोपी बनाया है जिसने लालू परिवार को जमीन देकर नौकरी ली।
सीबीआई ने 24 अगस्त को पटना में आरजेडी के विधान परिषद सदस्य और बिस्कोमान पटना के चेयरमैन सुनील सिंह, आरजेडी के पूर्व एमएलसी सुबोध राय, आरजेडी के राज्यसभा सांसद अशफाक करीम और फैयाज अहमद के ठिकानों पर छापे मारे।
गुरुग्राम में तेजस्वी यादव के करीबी के ठिकानों पर, अर्बन क्यूब्स 71 नाम के मॉल, Whiteland Corporation नाम की कंपनी जिसका दफ्तर गुरुग्राम के सेक्टर 65 में है और Landbase Private Limited नाम की दूसरी कंपनी जिसका दफ्तर गुरुग्राम के सेक्टर 42 में है पर सीबीआई ने छापे मारे। ये दोनों कंपनियां तेजस्वी यादव के करीबी की बताई गई।
आजतक द्वारा पूछे गए सवाल पर सफाई देते हुए बिहार का उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि “मॉल से उनका कोई लेना-देना नहीं है और उसका उद्घाटन बीजेपी सांसद ने किया था। उनकी छवि धूमिल करने की कोशिश हो रही है।” तो राबड़ी देवी ने जवाब दिया कि “सारा देश को भाजपा वाला लूट लिया। हम लोग डराने वाले नहीं हैं।”
एक डीड एके इन्फोसिस्टम्स नाम की कंपनी के नाम किया गया जिसमें 9527 वर्ग फीट का प्लाट दिया गया। बाद में इस कंपनी की डायरेक्टर राबड़ी देवी बन गईं। RJD सहित भाजपा की विपक्षी पार्टियाँ सीबीआई की जाँच पर यह सवाल उठ रही है कि केंद्रीय जांच एजेंसियां सिर्फ राजनीतिक कारणों से लालू यादव परिवार के खिलाफ जांच कर रही है।