खडूर साहिब : लोकसभा चुनाव 2024, खालिस्तान समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब दे‘ के नेता अमृतपाल सिंह के पंजाब की लोकसभा सीट खडूर साहिब से उम्मीदवारी से चर्चित हुई, तो चुनाव में खालिस्तानी आतंकी अमृतपाल की बड़ी जीत से पंजाब के राजनीतिक गलियारों में कुछ खास चर्चा भी शुरू हुई है।

अमृतपाल सिंह फिलहाल अपने साथियों के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून NSA के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में है। अमृतपाल सिंह की जीत की घोषणा के बाद क्षेत्र के कई गांवों के गुरुद्वारों में खुशियां मनाई गई। तो फरीदकोट लोकसभा क्षेत्र से प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या करने वाले बेअंत सिंह के पुत्र सरबजीत सिंह खालसा की जीत से इलाके में खुशी है, इसे पंथिक सोच की जीत कह रहे हैं। सिखों की बड़ी आबादी के कारण खडूर साहिब की लोकसभा सीट को पंथिक सीट के नाम से जाना जाता है। खडूर साहिब में 93% से ज्यादा आबादी सिख है।

अमृतपाल सिंह को 4,04,430 वोट मिला और दूसरे नंबर पर आए कांग्रेस उम्मीदवार कुलबीर सिंह ज़ीरा के मुकाबले 1,97,120 मतों से चुनाव जीता। पंजाब की लोकसभा चुनाव में किसी भी उम्मीदवार द्वारा दर्ज की गई यह सबसे बड़े अंतर से जीत है। अमृतपाल सिंह की मां बलविंदर कौर और मानवाधिकार कार्यकर्ता परमजीत कौर खालड़ा ने खडूर साहिब लोकसभा क्षेत्र से अमृतपाल सिंह की जीत का प्रमाण पत्र प्राप्त किया।

पंजाब के स्थानीय लोगों का कहना है कि पंजाब का खडूर साहिब लोकसभा क्षेत्र माझा क्षेत्र का अहम हिस्सा है। एक तरह से यहां के सिख खालिस्तान समर्थन की आम घोषणा किया है। वह आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल को हराया है और अमृतपल सिंह को जीत दिलाई है। अमृतपाल सिंह की जीत से और उसके जेल से बाहर आने से भविष्य में पंथिक नेतृत्व की बागडोर किसके हाथ में जाने वाला है अंदाजा लगाया जा सकता है और पंजाब में सियासी तौर पर पंथिक लोगों में नई खेमेबंदी भी बनेगी।”

अमृतपाल सिंह ने पंजाब की सत्ताधारी पार्टी आम आदमी पार्टी के अलावा अन्य पार्टियों के दिग्गज नेताओं को भी हराया है। अमृतपाल सिंह के चुनाव प्रचार की कमान मानवाधिकार कार्यकर्ता परमजीत कौर खालरा ने संभाल रखा था तथा इस चुनाव में मानवाधिकार और ड्रग्स के मुद्दे के साथ साथ अमृतपाल सिंह की अवैध हिरासत के विरोध में अमृतपाल के लिए वोट मांगे।

अमृतपाल सिंह की जीत पर उनकी मां बलविंदर कौर के बयान बिलकुल चौकाने वाले हैं! अमृतपाल सिंह की मां बलविंदर कौर कहती है कि “यह जीत अमृतपाल सिंह की नहीं बल्कि परमजीत कौर खालरा की है। यहां नशा सबसे बड़ा मुद्दा है और पार्टी के नेता समाज से ड्रग्स को खत्म नहीं करना चाहते। यही कारण है कि उन्होंने अमृतपाल सिंह को हिरासत में लिया और डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया। अमृतपाल सिंह परमजीत का भतीजा लगता है। अमृतपाल ने उस समय नशा विरोधी अभियान चलाया जब हमारे युवा नशे की चपेट में आ रहे थे और अपनी जानें दे रहे थे। जब अमृतपाल सिंह के अभियान के कारण कई युवाओं ने नशा छोड़ दिया तो माँओं ने राहत की सांस ली थी। अमृतपाल सिंह के नामांकन दाख़िल करने से पहले इस सीट से अमृतसर के शिरोमणि अकाली दल के महासचिव हरपाल सिंह बलेर ने अपना नाम दाखिल किया था। लेकिन अमृतपाल के नामांकन के बाद बलेर ने अपना नामांकन वापिस ले लिया। हरपाल सिंह बलेर अपना नामांकन वापिस लेने के बाद अमृतपाल सिंह के पक्ष में प्रचार कर रहे थे।

हरपाल सिंह बलेर ने बीबीसी से बातचीत में कहा था कि “हमने ड्रग्स की बिक्री में राजनीतिक लोगों की मिलीभगत का मामला जनता की अदालत में उठाया और पंजाब के लोगों ने ये बात समझी और अमृतपाल की जीत पक्की कर दी। खडूर साहिब का खेमकरण इलाका पाकिस्तान की सीमा से सटा हुआ है और वहीं से नशे की का सामान आता है।”

इलाके के लोग कहते हैं कि जब अमृतपाल सिंह ने नशा विरोधी अभियान और अमृत संचार कार्यक्रम चलाया तो इसका असर क्षेत्र के युवाओं पर होने लगा और युवा नशा छोड़ने लगे थे। अमृतपाल सिंह के पक्ष में चुनाव प्रचार के दौरान सिर्फ नशे और बेरोज़गारी को मुद्दा बनाया गया था किंतु चुनाव प्रचार के दौरान विरोधी उम्मीदवारों के ख़िलाफ़ कोई बयानबाज़ी नहीं चलाई। (फोटो साभार गूगल और सोशल मीडिया) अरुण प्रधान @ArunPradhan

2 thoughts on “खालिस्तानी अमृतपाल सिंह ने जेल से जीता पंजाब के खडूर साहिब सीट

  1. This design is wicked! You certainly know how to keep a reader entertained.
    Between your wit and your videos, I was almost moved to start my own blog (well, almost…HaHa!) Wonderful job.
    I really loved what you hhad to say, and more than that, how you presented it.
    Too cool! https://ukrain-Forum.BIZ.Ua/

    1. Dear Sam, we give you thank to attained your time on newspcm.com . At this time I have no any type of capital money, this site going through my pocket money and now our group policy is “be unite at this poor time we will share good time” !
      Thanks lot

      Arun
      Founder Editor

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *