मॉस्को के मशहूर कॉन्सर्ट हॉल क्रोकस सिटी में आतंकी हमले की ISIS ने जिम्मेदारी ली। पूर्व रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने मॉस्को आतंकी हमले के जिम्मेदार ISIS केखिलाफ ‘Death for death’ की मांग की है।
मॉस्को : रूस की राजधानी मॉस्को के मशहूर कॉन्सर्ट हॉल क्रोकस सिटी में शुक्रवार को आतंकी हमले हुआ। जिसमें अब तक 80 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। सूत्रों के अनुसार इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट (ISIS) ने ली है। रूस की राजधानी मॉस्को में हुए इस भयानक आतंकी हमले को लेकर पूर्व रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने रूसी समाचार एजेंसी RT पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए अपने टेलीग्राम पोस्ट में आतंकी हमले में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा कि ‘आतंकवादी केवल आतंक की भाषा समझते हैं। मॉस्को कॉन्सर्ट स्थल पर हुए आतंकवादी हमले के अपराधियों पर बिना किसी दया भाव के कार्रवाई की जानी चाहिए। आतंकवादी जवाब में केवल आतंक की भाषा समझते हैं। अगर ताकत का मुकाबला ताकत से नहीं किया जाता है, आंतकवादियों को मौत के घाट नहीं उतारा जाता है और आंतकवादियों के परिवारों पर कार्रवाई नहीं की जाती है तो जांच या ट्रायल का कोई फायदा नहीं है। आतंक से निपटने का यही दुनिया का तरीका है। अगर ये आतंकवादी यूक्रेन के होते हैं तो हम उनसे और उनके आइडियोलॉजी से अलग तरीके से नहीं निपट सकते हैं। जिन्होंने ये क्रूरता की है उन हमलावरों को आतंकवादियों के रूप में ढूंढा जाना चाहिए और बेरहमी से उन्हें मौत के घाट उतार देना चाहिए।’
मॉस्को के मशहूर क्रोकस सिटी में हुए इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी कथित रूप से ISIS ने ली है। RT के रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को मॉस्को शहर के पास एक कॉन्सर्ट हॉल में ISIS के पांच बंदूकधारियों ने गोलीबारी की। इसमें 80 से ज्यादा लोगों की मौत हुई और 150 से ज्यादा लोग बुरी तरह घायल हुए हैं। आतंकी हमले के समय हॉल में लगभग 6500 लोग मौजूद थे।
पूर्व रूसी राष्ट्रपति का यह बयान वर्तमान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उस बयान से मेल खाता है जो उन्होंने 1999 में कही थी। पुतिन उस वक्त रूस के प्रधानमंत्री थे और उत्तरी काकेशस में आतंकवाद विरोधी कार्रवाई शुरू करने वाले थे।इस्लामिक स्टेट ने अपने कथित टेलीग्राम चैनल के जरिए दावा किया है कि हमले को अंजाम देकर उसके आतंकी ठिकाने पर वापस लौट गए हैं। हालांकि, कुछ स्थानीय मीडिया का कहना है कि जिन लोगों के साथ आतंकी संगठन ने दावा जारी किया है, वो फर्जी भी हो सकता है।