स्थिरता (Sustainability) के संदर्भ में जानकारी (सूचना)और ज्ञान : एस.के. सिंह, सामाजिक उद्यमी एवं  मुख्य कार्यकारी अधिकारी- ग्रामीण समृद्धि फाउंडेशन

जानकारी (सूचना) ज्ञान नहीं है। ज्ञान किसी के सीखने की एक चिंतनशील प्रक्रिया है, जो वर्षों की संचयी प्रगति है। ज्ञान शिक्षा, कौशल और अनुभव से सीख रहा है, जबकि जानकारी तथ्य और विवरण, सांख्यिकी और संहिताकरण है। समझ और अनुभव के माध्यम से मंथन की गई उपयोगी जानकारी ही ज्ञान है। 
वर्तमान युग सूचना का युग है। डेटा या तथ्यों तक पहुंच होने का मतलब यह नहीं है कि आप उस जानकारी को समझते हैं या उसे लागू करने की क्षमता रखते हैं। सूचना महज़ आंकड़ों या तथ्यों का एक संग्रह है। दूसरी ओर, ज्ञान उस जानकारी की समझ और अनुप्रयोग है। ज्ञान संहिताबद्ध नहीं है. यह झुकाव और अनुभव पर संचयी और चिंतनशील समझ है। डेटा 'ईंट के ब्लॉक हैं लेकिन अपने आप में एक इमारत नहीं' है। हमारी ज्ञान प्रणाली में घर से लेकर संस्थानों तक, औपचारिक या अनौपचारिक, जैविक संबंध था, जिसे बाजार टैगिंग ने नष्ट कर दिया है। मीडिया के माध्यम से हमें जो जानकारी उपलब्ध कराई जाती है वह ज्यादातर विपणन उत्पाद या राजनीतिक लाभ के लिए बनाई जाती है। निहित स्वार्थ के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) द्वारा बनाई गई फर्जी खबरें हमारे लिए एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आई हैं।

महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन को अक्सर यह कहते हुए भी उद्धृत किया जाता है, "सूचना ज्ञान नहीं है।" दिलचस्प बात यह है कि उस मूल उद्धरण का शेष भाग इस प्रकार समाप्त होता है, "ज्ञान का एकमात्र स्रोत अनुभव है।" इस विषय पर एक और महान उद्धरण “मेगेट्रेंड्स” के लेखक जॉन नाइस्बिट का है, "हम जानकारी में डूब रहे हैं लेकिन ज्ञान के लिए भूखे हैं।" स्वामी विवेकानंद ने भी कहा था कि “ज्ञान अर्ध सत्य है, जबकि अनुभव पूर्ण सत्य है”
कई उद्योग और विनिर्माण तकनीकी जानकारी और सीखने की सामग्री से भरे हुए हैं, लेकिन 'अनुभव' के मामले में गंभीर रूप से कम होने लगे हैं। कंपनियों को रचनात्मक तरीके और नई प्रौद्योगिकियाँ खोजने की आवश्यकता होगी जो आने वाले श्रमिकों की अगली पीढ़ी के लिए अनुभव प्राप्त करने की क्षमता में तेजी ला सकें। यह सूचना को ज्ञान में, ज्ञान को अनुभव में और अनुभव को अधिक उन्नत और उत्पादक उद्यम में बदलने की दौड़ होगी।
ऐसा प्रतीत होता है कि इस अगली पीढ़ी के कार्यबल में शून्य से शुरुआत करने से बचने, बल्कि जो मौजूद है उसमें से सर्वोत्तम की तलाश करने और उस पर निर्माण करने की अंतर्निहित उत्सुकता है। यह उनके करियर की शुरुआत में उन पर पहले की अपेक्षा से कहीं अधिक तीव्र गति से परिणाम और समाधान देने के दबाव की स्थिति हो सकती है। कंपनियों के लिए इस ऊर्जा का उपयोग करना और प्रौद्योगिकी के माध्यम से उन बिल्डिंग ब्लॉक्स तक बेहतर और त्वरित पहुंच प्रदान करना बुद्धिमानी होगी। संकट दो क्षेत्रों, ज्ञान और सूचना के सूक्ष्म विरोधाभासों में है। शक्ति माने जाने वाले ज्ञान को सूचना के साथ समाहित कर दिया गया।  स्कूलों और शिक्षण संस्थानों में क्या पढ़ाया जाना चाहिए, यह बाजार के तर्क से चुने गए आंकड़ों से तय होता है।
दुर्भाग्य से, नई पीढ़ी की बहुसंख्यक आबादी में जो समस्या सामने आई है, वह यह है कि “जानकारी को गलती से ज्ञान समझ लिया गया है”। वे आवश्यकता की परवाह किए बिना और जानकारी एकत्र करने की प्रक्रिया से गुजरे बिना जानकारी जमा कर रहे हैं। यदि जानकारी को समझदारी से एकत्र नहीं किया गया तो वह कूड़े के समान है और अधिकांश समय पुरानी जानकारी को हटाकर नई जानकारी हमारी स्मृति में भर जाती है,क्योंकि जानकारी एकत्र करने की प्रक्रिया में अनुभव का तत्व गायब है।
एक उच्च शिक्षित व्यक्ति एक सामान्य व्यक्ति की तुलना में कम जानकार हो सकता है, क्योंकि जिस व्यक्ति को शिक्षित माना जाता है उसने अपनी अधिकांश ऊर्जा डेटा और सूचना एकत्र करने में खर्च की होगी जबकि सामान्य व्यक्ति ने जानकारी को एक प्रक्रिया के माध्यम से एकत्रित किया होगा, जिसे अनुभव कहा जाता है।  आवश्यकता के समय ज्ञान अपने प्रभावी उपयोग के लिए विवेक की शक्ति के साथ उसकी सहायता के लिए आता है। गुरुकुल परंपरा में अनुहाव जनित ज्ञान से शिक्षा प्रदान होती थी। 
कोरोना महामारी में सीखा गया सबक इस बात का प्रमाण है कि पारंपरिक ज्ञान और अनुभव वाले व्यक्ति अधिक टिकाऊ साबित हुए हैं। सुचना टेक्नोलॉजी के युग में बीच की पीढ़ी जो अब ५०-६० कि उम्र पार कर रही है, उसका दायित्व है कि अगली पीढ़ी को अपने अनुभव के साथ सिंचित करे ताकि नई पीढ़ी सुचना के साथ सही ज्ञान अर्जित कर सके। अतः यह जरूरी है कि हम स्थिरता (sustainability) के लिए केवल सूचना पर निर्भर रहने के बजाय अनुभव जनित ज्ञान अर्जित करने पर निवेश करें। @SKSingh (http://S K Singh)
स्थिरता Sustainability) के ढांचे में बुद्ध S.K. Singh Founder & Chief Learning officer, Gramin Samridhi Foundation http://graminsamridhi.in
स्थिरता Sustainability) के ढांचे में बुद्ध S.K. Singh Founder & Chief Learning officer, Gramin Samridhi Foundation, http://graminsamridhi.in




 

5 thoughts on “सस्टेनेबिलिटी के संदर्भ में सूचना और ज्ञान

  1. 💐🕉️गणेश विनायक चतुर्थी की शुभकामनाएं 💐🕉️🇮🇳
    ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
    उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ।।
    ॐ नमः शिवाय । नमो नीलकण्ठाय ।*महत्व इंसान का नहीं,*
    *उसके अच्छे स्वभाव का होता है।*
    *कोई एक पल में दिल जीत लेता है,*
    *कोई जिंदगी भर साथ रहकर भी नहीं जीत पाता।
    राम राम जी 💐
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