श्रीनगर, 14 अगस्त 2022: अब कश्मीर को सीधा राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जोड़ने वाली उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना की सबसे अहम कड़ी और विश्व के सबसे ऊंचे रेल पुल के दोनों सिरे ‘गोल्डन ज्वाइंट’ रस्म निभाते हुए शनिवार जोड़ दिया गया। राष्ट्रीय गान और भारत माता की जय के नारों के बीच इंजीनियरिंग के इतिहास की इस दुर्लभ उपलब्धि पर जश्न मानते हुए आतिशबाजी की गयी।
चिनाब दरिया की सतह से 359 मीटर की ऊंचाई पर उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना पुल की अंतिम आर्क जुड़ते ही कोड़ी और बक्कल रेलवे स्टेशन आपस में जुड़ गए। यह पुल पेरिस के एफिल टावर से 30 मीटर ऊंचा है, पुल का अभी 98 फीसदी निर्माण पूरा हुआ है, जिसे दिसंबर में पूरा कर दिया जाएगा।
भारतीय रेलवे सहित दुनिया के रेलवे इतिहास के सबसे ऊंचे पुल पर 1,436 करोड़ रुपये की लागत आणि है। यह पुल 17 स्तंभों पर बनी है और इसकी कुल लंबाई 1,315 मीटर है। शनिवार 13 अगस्त को पुल की आर्क को जोड़ने से पहले मौके पर एक तिरंगा रैली निकाली गई। कोड़ी की तरफ से शुरू हुई यह रैली आर्क जोड़े जाने वाले स्थान पर पहुंची, जहां आर्क के जुड़ते ही भारत माता का जयघोष किया गया। इस अवसर पर नॉर्दर्न रेलवे के CEO एस.पी. माही मुख्य रूप से मौजूद रहे।
इस अवसर पर पुल बनाने वाली अफकांस इंफ्रास्ट्रक्चर के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर गिरिधर राज गोपालन और प्रोजेक्ट मैनेजर एस.एम. विश्वमूर्ति ने कहा कि पुल का काम इसी वर्ष अंत तक पूरा होगा। कंपनी ने पुल को बनाने का काम एक चुनौती के तौर पर लिया था, जिसमें हर मैटेरियल बेहतरीन लगाकर इसको भूकंप रोधी बनाया गया है।
शनिवार को ओवर आर्क को आपस में जोड़े जाने का काम पूरा किया गया। दुनिया के इस सबसे ऊंचे रेल पुल को मूर्त रूप देने में 1,300 वर्कर और 300 इंजीनियर रात-दिन जुटे हुए हैं। कटड़ा-बनिहाल सेक्शन में निर्माणाधीन 111 किलोमीटर लंबे पुल का काम वर्ष 2004 में शुरू हुआ था, लेकिन वर्ष 2008-09 में लगातार तेज हवाओं के चलते काम को रोकना पड़ा था। 120 साल की अवधि के लिए तैयार किए जा रहे पुल पर 260 किलोमीटर प्रतिघंटे के रफ्तार से चलने वाली हवाएं भी असर नहीं डाल सकेंगी।
कर्मचारियों ने कहा कि इतिहास में इस पुल को बनाने वालों का नाम लिखा जाएगा। चिनाब दरिया पर बना विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे पुल दुनिया का एक और अजूबा है, जिसको देखने दुनिया आएगी। आर्क जुड़ते ही रंग बिरंगे फूलों और आतिशबाजी कर खुशी जताई गई।(चित्र साभार गूगल/ अमरउजाला)