रांची, 17 जुलाई 2022: माओवादी के साथ संबंधों के संदेह और पेगासस जासूसी मामले में संलिप्तता के संदेह में झारखण्ड के रामगढ जिला के स्वतंत्र पत्रकार रुपेश कुमार सिंह को झारखंड की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आज रविवार सुबह ही सरायकेला-खरसांवा की पुलिस उनके रामगढ़ स्थित घर पर पहुंच गयी जबकि रूपेश का परिवार सो रहा था। सुबह सबह रुपेश के घर की पुलिस तलाशी ली।
पुलिस के अनुसार सर्च वारंट में सरायकेला-खरसांवा का कांड्रा थाना, केस नंबर- 61/21 जो आठ महीना पहले कोई मामला है। इसी के आधार पर बड़ी संख्या में पुलिस सुबह लगभग साढ़े पांच बजे पत्रकार रुपेश कुमार सिंह के रामगढ़ स्थित मकान को घेर कर सर्च वारंट दिखाकर पूरे घर की, रुपेश के सामानों, लैपटॉप और मोबाइल की जाँच किया, यह कार्यवाई दोपहर तक चली।
सूत्रों के अनुसार, 17 नवंबर, 2021 को कांड्रा थाना में एक पति-पत्नी को गिरफ्तार किया गया था। जिनका संबंध माओवादियों से बताया गया था। उनके साथ संबंधों के संदेह में यह गिरफ्तारी बतायी जा रही है। रूपेश की पत्नी इप्शा के मुताबिक सर्च करने और गिरफ्तार करने आयी पुलिस की टीम में राज्य की पुलिस के अलावा एनआईए NIA और इंटेलिजेंस के लोग भी शामिल थे। रुपेश की पत्नी ने कहा कि उच्च न्यायलय के निर्देश के अनुसार पुलिस को न केवल गिरफ्तारी का कारण बताना चाहिए था बल्कि आरोपी को अपने वकील से संपर्क करने का मौका भी देना चाहिए था। लेकिन झारखंड की पुलिस ने ऐसा कुछ नहीं किया।
सूत्र के अनुसार रुपेश को पहले से ही केंद्र सरकार ने उन्हें पेगासस सूची में रखा हुआ था और उनके फोन की अवैध तरीके से निगरानी चल रही थी। पुलिस द्वारा मामले की जानकारी नहीं देने से यह संदेह अभी तक बना हुआ है कि राज्य की पुलिस किसलिए और क्यों उन्हें गिरफ्तार की है।(साभार जनचौक)