कानपूर, 4 जून 2022 : कानपुर में शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में मुस्लिम दंगाइयों ने बीजेपी नेत्री नुपुर शर्मा के कथन को “इस्लाम के नवी की निंदा” का मुद्दा बनाते हुए शहर में दंगा, लूटपाट, आगजनी और हिन्दू समुदाय के घरों और दुकानों पर पत्थरबाजी किया। इसमें मुस्लिमों के एक संगठन PFI का नाम भी प्रशासन के द्वारा लिया जा रहा है|
नुपुर शर्मा द्वारा ईश निंदा करने पर नुपुर को जान से मारने की धमकी भी दी गई है, तो इस्लामिक ईश निंदा करने पर इसके विरोध में पीएफआई ने कानपूर बंद का आह्वान भी किया था| कानपुर के पुलिस अधिकारीयों ने गृह विभाग तथा पुलिस के आला अधिकारियों को जो इनपुट दिया है, उसमें अचानक हुए उपद्रव का कारण सुनियोजित में पीएफआइ के कनेक्शन की भी आशंका जताई है। देश में कई दंगों और उपद्रव के मामलों में इस संगठन की भूमिका पायी गयी है। मुख्मंयत्री योगी की सक्रियता से कानपुर में अब हालात नियंत्रण में हैं।
इस्लामिक ईश निंदा के विरोध में ठेले पर ईंट-पत्थर और जेबों में शीशे की बोतलें लिये थे दंगाई, PFI के कनेक्शन की जाँच
कानपुर के नई सड़क क्षेत्र में शुक्रवार को उपद्रव के मामले में 55 लोगों के खिलाफ नामजद केस दर्ज किया गया है जबकि हजार अज्ञात पर भी नजर है। पुलिस रात भर दबिश देकर अब तक 35 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। कानपुर पुलिस कमिश्नर ने कहा कि कानपुर में हुई हिंसा के पीछे पीएफआई या किसी अन्य संगठन की साजिश को भी खंगाला जा रहा है। कानपुर हिंसा मामले पर पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीणा ने कहा कि प्रशासन से बातचीत के बाद कानपुर बंद का ऐलान करने वाले संगठन ने अपने इस बंद को वापस ले लिया था, लेकिन हिंसा अचानक भड़की।
नुपुर शर्मा के खिलाफ सुन्नी बरेलवी संगठन रजा अकादमी ने भी की है शिकायत, बरेली में भी दंगे की आशंका
कानपुर में एमएमए जौहर फैन्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी सहित कुछ स्थानीय नेताओं ने बंद बुलाया था जो पीएफआई का नेता बताया जा रहा है। कानपुर में उपद्रव के मामले में 3 एफआईआर की गई है। मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी अभी भी फरार है। 35 से अधिक को गिरफ्तार किया गया है, जबकि मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी अभी भी फरार है। सूफी खानकाह एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूफी कैसर हसन मजीदी ने कहा कि शुक्रवार को जो बवाल हुआ उसका कहीं न कहीं पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) कनेक्शन है। पीएफआइ के स्थानीय सक्रिय सदस्यों की मदद से इस बवाल को बढ़ाने का काम किया गया है। उन्होंने इस दंगे में पीएफआई के भूमिका की सरकार से उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है।
मुंबई में भी भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 295ए, 153ए और 505बी के तहत नुपुर शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया
जौहर फैंस एसोसिएशन का अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद अली (एमएमए) हयात जफर हाशमी पहले भी माहौल को खराब करने का काम कर चुका है। कई बाद उसने शहर में उपद्रव कराया है। मकान खाली कराने को लेकर अपनी मां और बहन को उकसा कर जिलाधिकारी कार्यालय भेजा था। जहां दोनों ने मिट्टी का तेल डालकर बेटे के कहने पर आग लगा ली थी। दोनों को गंभीर हालत में एलएलआर अस्पताल लाया गया था। उपचार के दौरान दोनों की मौत हो गई थी। शुक्रवार को जो बवाल हुआ उसका मास्टर माइंड भी हयात जफर हाशमी बताया जा रहा है। राशन कोटे की दुकान चलाने वाला हयात जफर हाशमी इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय रहता है। एनआरसी और सीएए बवाल के दौरान भी इसकी सक्रिय भूमिका रही थी। 21 अक्टूबर को हयात जफर हाशमी ने मूलगंज से मेस्टन रोड, शिवाला बाजार, रामनारायण बाजार होते हुए फूलबाग तक जुलूस ए मोहम्मदी निकाला था। उसमें उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ था।
कानपुर में शुक्रवार दोपहर में हुए उपद्रव में पुलिस ने तीन केस में 55 लोगों को नामजद किया है। एक मुकदमा बेकनगंज थाना प्रभारी नवाब अहमद ने दर्ज कराया है| दूसरा मुकदमा चौकी प्रभारी हीरामन पुरवा उस्मान ने दर्ज कराया है और तीसरा मुकदमा घायल मुकेश की ओर से दर्ज हुआ है। इन मुकदमों में एक हजार लोगों को अज्ञात हमलावर बताया गया है। तीन केस में पुलिस अब तक 28 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
कानपुर में शुक्रवार को सुनियोजित साजिश के तहत नई सड़क पर परेड चौराहा से पहले चंद्रेश्वर हाता तक उपद्रवियों ने कई बार बवाल किया। मुस्लिम दंगाई ठेले पर ईंट और पत्थर लेकर चल रहे थे और पत्थरबाज मुस्लिम नौजवान अपनी जेबों में शीशे की बोतलों से हमला कर रहे थे| हिन्दू समुदाय के घरों पर और बंद दुकानों पर पत्थर चला रहे थे| इस दौरान कई वाहन तोडऩे के साथ पथराव तथा फायरिंग भी की गई। इसमें दारोगा समेत सात लोग घायल हैं। परेड चौराहा पर सद्भावना पुलिस चौकी से मूलगंज चौराहे की ओर जाने वाली नई सड़क पर जुमे की नमाज के बाद जबरन दुकानें व बाजार बंद करा रहे लोगों का दूसरे पक्ष ने विरोध किया तो तोडफ़ोड़, बमबाजी, फायरिंग व पथराव किया गया। करीब चार घंटे तक पुलिस और उपद्रवियों के बीच गुरिल्ला युद्ध जैसे हालात रहे। गलियों व छतों से पथराव होता रहा। एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि बेकनगंज थानाक्षेत्र के नई सड़क में कुछ लोगों ने दुकानें बंद कराने का प्रयास किया, जिसका दूसरे पक्ष ने विरोध किया। आरोपितों के खिलाफ कड़े एक्ट के तहत कार्रवाई कर संपत्ति भी जब्त की जाएगी।
सपा नेता अखिलेश यादव इस दंगे के दंगाइयों पर सरकार की सख्ती पर कहा कि बीजेपी नेत्री नुपुर शर्मा को उनके भड़काऊ बयां के लिए पहले ही गिरफ्तार करना चाहिए था| (चित्र साभार गूगल)