हेमंत सरकार रहरह कर अल्पसंख्यकों की फ़ज़ीहत करते रहती है। जिसमें विधानसभा में नामज़गाह का बनाना, उर्दू भाषा, स्कूल का अवकाश के दिन,10 जून पर झारखंड हाई कोर्ट से फ़ज़ीहत,आज तक मुंह बाए खड़ा है। अल्पसंख्यकों के बस्तियों में सरकारी योजनाओं का घोर आभाव, अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति की दयनीय स्थिति, अल्पसंख्यक बस्तियों में जनस्वास्थ्य की स्थिति आज भी हमें हाशिए पर रखने के उदाहरण बने हुए है। हेमंत सरकार से अपील है कि अल्पसंख्यकों के ज्वलंत मुद्दों को अविलंब निष्पादित करें।

रांची : अल्पसंख्यकों के ज्वलंत मुद्दों पर राजनैतिक, सामाजिक, प्रशासनिक, कल्याणकारी झारखंड राज्यस्तरीय एक दिवसीय “फ़िकरी नशिस्त”(आत्मचिंतन बैठक) आज डोरंडा, रांची झारखंड में की गई। इस आयोजन के संचालक नदीम खान ने मीडिया को बताया कि यह एक दिवसीय शिविर मुख्यतः झारखंड में अल्पसंख्यकों के जीवन संबंधी मुद्दों को लेकर बात हुई है। इस आत्मचिंतन बैठक में मुख्य अतिथि कॉमरेड राजकुमार यादव (पूर्व विधायक-भाकपा माले), कॉमरेड मनोज भक्त (राज्य सचिव-भाकपा माले झारखंड), इंजीनियर सुलतान ज़ुबैर, पीर साहब सयैद गुफरान अशरफी अतिथि के रूप में शामिल थे। आत्मचिंतन बैठक की अध्यक्षता कॉमरेड उस्मान अंसारी ने किया है।

विभिन्न वक्ताओं ने बैठक में कहा कि हेमंत सरकार को साढ़े तीन वर्ष हो चुके हैं। मगर आज भी अल्पसंख्यकों मुद्दें पर हेमंत सरकार बेहद उदासीन है। कई कई मुद्दों पर तो हेमंत सरकार छुआछूत जैसी मानसिकता से ग्रसित प्रतीत होता है। इसी कारण अल्पसंख्यकों के संवैधानिक मुद्दें आज भी हल नहीं हुए है। जिसमें योग्य व्यक्तियों के अल्पसंख्यक आयोग, अल्पसंख्यक वित्त निगम, वक़्फ़ बोर्ड, उर्दू मदरसा बोर्ड में रिक्तियां जैसे उदाहरण मौजूद हैं। उसपर से मोबलिंचिंग के विरोध में क़ानून का नहीं बनना, मोबलिंचिंग के पीड़ितों को इंसाफ़, नौकरी, मुआवजा, पुनर्वास जैसे मामलें, 10 जून की रांची घटना जिसकी आज तक जांच रिपोर्ट भी सार्वजनिक नहीं की गई है।

हेमंत सरकार रहरह कर अल्पसंख्यकों की फ़ज़ीहत करते रहती है। जिसमें विधानसभा में नामज़गाह का बनाना, उर्दू भाषा, स्कूल का अवकाश के दिन,10 जून पर झारखंड हाई कोर्ट से फ़ज़ीहत,आज तक मुंह बाए खड़ा है। अल्पसंख्यकों के बस्तियों में सरकारी योजनाओं का घोर आभाव, अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति की दयनीय स्थिति, अल्पसंख्यक बस्तियों में जनस्वास्थ्य की स्थिति आज भी हमें हाशिए पर रखने के उदाहरण बने हुए है। हेमंत सरकार से अपील है कि अल्पसंख्यकों के ज्वलंत मुद्दों को अविलंब निष्पादित करें।

इस आत्मचिंतन बैठक में उपस्थित लोगों ने बालासोर (उड़ीसा) रेल दुर्घटना में मारे गए लोगों, मणिपुर में मारे गए लोगों, प्रगतिशील कार्टूनिस्ट पत्रकार बशीर अहमद, जल जंगल जमीन एवं मानवधिकार के पुरोधा स्टैन स्वामी को श्रद्धापूर्वक श्रद्धांजलि दी।

इस आत्मचिंतन बैठक ने विभिन्न वक्ताओं एवं ज़िलों के प्रतिनिधियों से विचार कर इंसाफ़ मंच झारखंड की 19 सदस्यीय राज्यस्तरीय टीम का गठन बनाई गई। जिसमें नदीम खान, उस्मान अंसारी, मुनव्वर हसन बंटी, मुस्तक़ीम अंसारी, इब्राहिम अंसारी, सरफ़राज़ आलम, अधिवक्ता मोनाज़ अख्तर, अब्दुल गफ्फूर, चांद अख्तर, अकरम राशिद, इक़बाल हुसैन, नौशाद आलम, जमील अख़्तर सहित अन्य लोग हैं। साथ ही यह भी फैसला लिया कि इंसाफ़ मंच झारखंड में अल्पसंख्यक, आदिवासी, दलितों के साथ आगे बढ़ेगी, इन समुदायों के साथ जून से जुलाई महीनें तक प्रखंड से जिला स्तर का इनके मुद्दों के साथ सम्मेलन किया जाएगा, राज्यभर में सदस्यता अभियान चलाया जाएगा, माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से विधायक विनोद सिंह, पूर्व विधायक राजकुमार यादव, पूर्व विधायक अरूप चटर्जी एवं भाकपा माले झारखंड के राज्य सचिव कॉमरेड मनोज भक्त के नेतृत्व में अल्पसंख्यकों का एक प्रतिनिधिमंडल मिलेगा। और इंसाफ़ मंच झारखंड की अगली बैठक गिरीडीह में होगी।

आत्मचिंतन बैठक में गिरीडीह के जिला परिषद उपाध्यक्ष मुनव्वर हसन बंटी, मुस्तक़ीम अंसारी, रब्बुल हसन रब्बानी, अब्दुल गफ्फूर अंसारी, कोडरमा के इब्राहिम अंसारी, चांद अख़्तर, आबिद हुसैन, पलामू के मो सरफ़राज़ आलम, दानिश खान, रांची के अकरम राशिद, शम्स तबरेज़, जमील अख्तर, इंजीनियर इक़बाल हुसैन, इसहाक़ बब्लू, नौरीन अख़्तर, असफ़र खान, समाजसेवी शहीद अय्यूबी, तारिक मुजीबी, इम्तियाज सोनू, रिसालदार बाबा दरगाह कमेटी के अध्यक्ष मो ज़ाकिर, महासचिव मो फारूक, मो जावेद, सोएब अंसारी, मो आरिफ़ अधिवक्ता सोहैल अंसारी, शिक्षक मोज़म्मिल, फ़ैयाज़ अहमद शामिल थे।

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