नेतरहाट-फिल्ड-फायरिंग-रेंज-विजय-जुलुस

नेतरहाट-फिल्ड-फायरिंग-रेंज-विजय-जुलुस

रांची, 19 अगस्त 2022: झारखण्ड के मुख्यमंत्री ने नेतरहाट फिल्ड फायरिंग रेंज पर फैसला लेते हुए इसे बंद कर दिया है। नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज की समय सीमा का अब आगे नहीं बढ़ाते हुए इसे बंद कर हेमंत सोरेन सरकार ने झारखण्ड राज्य के जल, जंगल, जमीन और आदिवासी जनता के हित में फैसला लिया है। हेमंत सरकार के इस फैसले पर विभिन्न NGO, आदिवासी संगठनों के साथ वाम आदि संगठनों ने रांची में विजय जुलूस निकाला।

इन्होने अपने विजय जुलुस में हेमंत सोरेन के नेतरहाट के फैसले पर आभार जताया। इस विजय जुलुस की अगुई झारखण्ड के ngo, गैरसरकारी संगठनों के नेतागण कर रहे थे, जिसमे मुख्य चहरे के तौर पर वासवी कीड़ो, झारखण्ड के आदिवासी एनजीओ की आयरन लेडी नेता दयामनी बारला के साथ केंद्रीय सरना समित के सचिव संतोष तिर्की, माले के नेता भुवनेश्वर केवट, पूर्व TAC सदस्य रतन तिर्की, अनिल पन्ना, CPIM के प्रफुल्ल लिंडा, नदीम खान, दीपा मिंज, सुषमा बिरुली समेत अन्य लोग रहे।

यह विजय जुलूस रांची के डंगराटोली चौक से पुरुलिया रोड, मेन रोड और शहीद चौक होते हुए अलबर्ट एक्का चौक पर सभा में तब्दील हो गयी। इस विजय जुलुस कार्यक्रम का संयोजन महेंद्र पीटर तिग्गा ने किया। इस ngo की जन-सभा में विभिन्न वक्ताओं ने नेतरहाट के मामले में हेमंत सोरेन सरकार के फैसले को जन संघर्षों की जीत बताया और इसके लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रति आभार व्यक्त किया।

अलबर्ट एक्का चौक पर हुई इस सभा में नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज विरोधी केंद्रीय जन संघर्ष समिति, लातेहार-गुमला के सचिव जेरोम जेराल्ड कुजूर ने कहा कि जब तक नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज रद्द होने की अधिसूचना जारी नहीं होती, तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। मुख्यंमंत्री ने अवधि विस्तार को रोका है, पर इसे स्थायी तौर पर रद्द कराने की लड़ाई जारी रहेगी। हमारी ग्राम सभाओं ने निर्णय लिया है कि फील्ड फायरिंग रेंज के लिए एक ईंच जमीन भी नहीं देंगे। यह पांचवी अनुसूची का इलाका है और इसमें पेसा एक्ट जैसे कानून भी लागू है।

नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज विरोधी केंद्रीय जन संघर्ष समिति के सचिव जेरोम जेराल्ड कुजूर ने कहा कि 21 से 25 अप्रैल तक ग्रामसभाओं के निर्णय की कॉपी लेकर ग्रामीण लगभग 200 किमी पैदल चलकर रांची आये थे और राज्यपाल को ज्ञापन दिया था। उसकी प्रति मुख्यमंत्री से लेकर अंचलाधिकारियों तक को दी गयी। गांव के निर्णय के मजबूत हथियार को सामने रखते हुए मुख्यमंत्री ने अधिसूचना को अवधि विस्तार नहीं करने का फैसला लिया है। हम उन इलाके से आते हैं, जहां जतरा टाना भगत ने अपने आंदोलन की शुरुआत की थी।

दूसरी तरफ झारखण्ड सरकार ने राज्य में खेती किसानी और हॉर्टिकल्चर को बढ़ावा देने और राज्य में खेती बागवानी को जनता के आर्थिक आधार को विकसित करने की योजना को क्रियान्वित करने के लिए झारखंड राज्य हॉर्टिकल्चर प्रमोशन सोसाइटी की पहली जनरल मीटिंग में कई बिंदुओं पर चर्चा की। बैठक में कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने राज्य के ग्रामीण हाट बाजारों को व्यवस्थित करने की जरूरत बताई। (सोशल मिडिया)

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