जंग का स्वरुप मैदानों से बहार निकल कर सोशल मीडिया पर जंग के रुप में हमारे सामने आ रहा है। इस में मुझको कुछ गलत नहीं लगा। क्योंकि इसमें जान-माल की हानि नहीं है।
आजकल जंग सोशल मीडिया या सरकारी मीडिया घरानों के बीच लड़ी जा रही है। हर देश दूसरे देश के राष्ट्रीय दिवस पर बधाई संदेश देता ही है। ताईवान एम्बेसी भारत में मौजूद है। इसमें भारत ने बधाई संदेश देकर अलग क्या कर दिया। लेकिन कहते हैं न चोर की दाढ़ी में तिनका। इसे कहते हैं तीर सही निशाने पर लगना।
चीन लद्दाख में मिसाइलें तैनात करे, अपने लड़ाकू जहाजों को उतरे, यूनाइटेड नेशन्स में आतंकवादी मसूद अजहर को बचाये, हर जगह भारत की काट करे और भारत ने ताइवान का एक पोस्टर लगा दिया तो इनका सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स सुलग उठा हमारे खिलाफ।
आज यानी 10 अक्टूबर को ताइवान का नैशनल डे है। सोशल मीडिया पर भारतीयों ने ताइवान का साथ दिया है। इसके अलावा दिल्ली में चीनी दूतावास के बाहर ताइवान को बधाई देते पोस्टर्स भी लगाए गए हैं। चाणक्यपुरी में जगह-जगह ऐसे पोस्टर्स लगे हैं। इनपर ऑक्युपाइड मेनलैंड चीन का नक्शा बना है और बड़े अक्षरों में ताइवान के नीचे ‘हैप्पी नैशनल डे’ लिखा है।
चीनी दूतावास शांतिपथ पर पड़ता है। बहुत सारे लोगों ने तो कई बार शांतिपथ का नाम बदलकर दलाई लामा पथ रखने की मांग की है। उनका कहना है कि इससे चीन को रोज तिब्बत की हालत का एहसास होगा। ये भी एक सच है कि ताइवान से दोस्ताना संबंध रखने वाले देशों से चीन हमेशा से ही चिढ़ा रहता है।
चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने इस पर कहा कि यह आग से खेलने जैसा काम है और इससे पहले से खराब चल रहे भारत-चीन संबंध और ज्यादा खराब होंगे। अब चीन को कौन समझाये तुम अपने देश की सीमाओं के भीतर खुश रहो और अपने देश की सीमाओं से लगते देशों को भी खुश रहने दो। – @ManuChaudhari