मजदूर-आवास-संघर्ष-समिति

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'आवास की गारंटी का कानून बनाए सरकार' की मांग को लेकर मजदूर आवास संघर्ष समिति का जंतर मंतर पर धरना

नई दिल्ली : मजदूर आवास संघर्ष समिति के आह्वान पर जंतर मंतर पर जबरन बेदखली के खिलाफ zero eviction policy लागू करने, भारत के हर परिवार को आवास की गारंटी करने, सरकार की योजना “जहां पर झुग्गी वही मकान” को साकार करने, दिल्ली के कलाकारों और मजदूरों को तत्काल आवास आवंटित करने और पुनर्वास हेतु DUSIB की पॉलिसी लागू करने की मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना आयोजित किया। जंतर-मंतर पर इस धरने में बदरपुर भाट कैंप के मजदूरों और कलाकारों के साथ कई जन संगठन एवं यूनियन, सामाजिक कार्यकर्ता, कलाकार, मजदूर नेताओं ने भाग लिया और प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा।

मजदूर आवास संघर्ष समिति के संयोजक निर्मल गोराना अग्नि ने धरने पर बैठे कलाकारों और मजदूरों को संबोधित करते हुए कहा कि किसी मजदूर या कलाकार को घर मिले या न मिले या कोई जिंदगी भर बेघर रह जाएं इससे सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता है। इसलिए सरकार को आवास की गारंटी हेतु एक मजबूत कानून बनाकर गरीब मजदूर और कलाकारों के मानवाधिकार की रक्षा करनी चाहिए।

दिल्ली श्रमिक संगठन की टीम ने आवास के मुद्दे पर गीत प्रस्तुत करते हुए बताया कि कोविड 19 के दौरान ही लगातार गरीब मजदूरों की बस्तियों को कभी खुद राज्य सरकार, कभी नगर निगम, कभी जंगलात विभाग तो कभी कोर्ट के आदेश पर बुलडोजर चलाकर उनके घरों को निर्ममता से तोड़ा जा रहा है। लाखों मजदूर परिवारों को जबरन बेदखली का शिकार बनाया जा रहा है। बिना पुनर्वास के विस्थापन का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। कुछ राज्यों में पुनर्वास की नीति होने के बावजूद भी बेदखल परिवार आवासमय पुनर्वास को तरस रहे है।

मेहनतकश असोसिएशन के समन्वयक लाल चंद राय ने कहा कि भारत सरकार द्वारा 2022 तक सभी को घर देने का वादा किया गया। किंतु आज भी भाट कैंप (डोरा तंबू कैंप) बदरपुर, दिल्ली के साथ देश के अनेकों मजदूर और कलाकारों को सरकार की ओर से आवास के लाभ का इंतजार है। इसी इंतजार की घड़ियो में सरकार द्वारा झुग्गियों को तोड़ कर गिराया जा रहा है। ऐसा कोई सख्त कानून नही है जिससे हमारा आवास सुरक्षित हो।

बस्ती सुरक्षा मंच के निलेश कुमार ने बताया की दिल्ली में 40,000 से ज्यादा घर खाली पड़े है। जिसमे मजदूरों को पुनर्वासित करने की बजाय उन घरों को खंडर में तब्दील किया जा रहा है। इसी प्रकार हर राज्य में सरकार द्वारा बनाए गए घर खाली पड़े है। जिन्हे शहरी गरीब मजदूर परिवार को दिया जाना चाहिए क्योंकि इस शहर के निर्माण एवं विकास में मजदूर एवं कलाकारों को महत्त्वपूर्ण योगदान है। (प्रेस विज्ञप्ति निर्मल गोराना अग्नि, संयोजक-मजदूर आवास संघर्ष समिति)

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