यूपी में नकल पर लगेगा NSA

यूपी में नकल पर लगेगा NSA

नकल करने और कराने वालों को तीन महीने तक बिना आरोप तय किए हिरासत में रखा जा सकता है। वहीं, परीक्षा में बाधा डालने या व्यवस्था को प्रभावित करने वालों पर गैंगस्टर एक्ट लगाकर उनकी है कि संपत्ति कुर्क किया जाएगा। नकल में शामिल पाए जाने वाले परीक्षा केंद्र के व्यवस्थापक, कक्ष निरक्षक के खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत कार्रवाई करने का आदेश दिया है। सरकारी आदेश के मुताबिक, यूपी बोर्ड को नकलविहीन बनाने के लिए “नकल करने और कराने वालों को तीन महीने तक बिना आरोप तय किए हिरासत में रखा जा सकता है। वहीं, परीक्षा में बाधा डालने या व्यवस्था को प्रभावित करने वालों पर गैंगस्टर एक्ट लगाकर उनकी है कि संपत्ति कुर्क किया जाएगा। नकल में शामिल पाए जाने वाले परीक्षा केंद्र के व्यवस्थापक, कक्ष निरक्षक के खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी”।

उत्तर प्रदेश में 16 फरवरी से 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं शुरू हो गई हैं। प्रदेश में इस बार के बोर्ड एग्जाम के लिए 58 लाख से ज्यादा छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इसके लिए नौ हजार के लगभग परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। शिक्षा बोर्ड ने सभी केंद्रों में CCTV कैमरे लगाए गए हैं। जिनसे परीक्षा की लाइव मॉनिटरिंग की जाएगी।

हिंदी पट्टी के राज्यों में विभिन्न परीक्षाओं में नकल की खबरें आम रही हैं। बिहार में लालू प्रसाद यादव और यूपी में सपा सरकार सहित कई मुख्यमंत्री भी नकल को लेकर परीक्षार्थियों के प्रति उदारता दिखाते रहे हैं। लेकिन उन्होंने शिक्षा को बेहतर करने पर खास ध्यान नहीं दिया। जिसका परिणाम यह हुआ कि नकल माफिया मेडिकल, इंजीनियरिंग और संघ लोकसेवा आयोग UPSC जैसे परीक्षाओं में भी दखल देने लगे। इससे नकल माफियाओं का विकास हुआ और लगभग सभी परीक्षाओं में इनके दखलंदाजी की खबरें आती रही हैं।

उत्तराखंड सरकार ने भी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए एक बेहद सख्त नकल विरोधी कानून पास किया था। सरकार ने इस कानून के तहत हाईस्कूल, इंटरमीडिएट और यूनिवर्सिटी लेवल के परीक्षार्थियों को इस कानूनी दायरे से बाहर रखते हुए नकल करने तथा नकल कराने वालों पर भारी जुर्माने और 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक का प्रावधान किया था।

यूपी सरकार के इस घोषणा के बाद विपक्षी पार्टियों और आमलोगों के बीच से भी प्रतिक्रिया सामने आने लगी है। लोगों का कहना है कि शिक्षा में सुधार करें, मगर नकल करने वाले छात्रों पर NSA के तहत कार्रवाई को ठीक नहीं माना जा सकता है। कानून में नकल विरोधी प्रावधान पहले से ही हैं। जिनके तहत दोषी छात्रों और अन्य को सजा दी जा सकती है। सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या इन छात्रों के नाम आपराधिक रेकॉर्ड में भी डाले जाएंगे ? अगर छात्रों को नकल के आरोप में एक बार आपराधिक रिकॉर्ड में दर्ज होने से और जेल भेजने पर उनके मानसिक व सामाजिक स्थिति में बदलाव आयेंगे और उनके अपराध के रास्ते पर जाने की संभावना बनेगी। अगर ऐसा हुआ तो उन छात्रों की एक अलग असामाजिक दुनिया बनेगी और भविष्य अंधकारमय हो सकता है।

योगी आदित्यनाथ सरकार के परीक्षा संबंधित इस फैसले से देश में एक बार फिर शिक्षा व्यवस्था पर बहस तेज हो गया है। सरकारी स्कूलों की खराब स्थिति किसी से छुपी हुई नहीं है। तो प्राइवेट स्कूलों की व्यवस्था भी आए दिन चर्चा आम होती है। इस बहस में शिक्षा पर सवाल किये जा रहे हैं कि छात्रों को क्या पर्याप्त शिक्षा मिल रही है ? क्या स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक उपलब्ध हैं ? विद्यालयों और कक्षा में छात्रों और शिक्षकों का अनुपात पर्याप्त है ? केंद्र सरकार के ही 2019 के आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में तकरीबन सवा दो लाख शिक्षकों के पद रिक्त हैं।

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