शंभू बॉर्डर : शंभू बॉर्डर पर पंजाब किसानों का संघर्ष हरियाणा पुलिस और केंद्र सरकार से जारी है और केंद्र सरकार के साथ किसान संगठनों की वार्ता का दौर भी। केंद्र सरकार की ओर से दोबारा बात करने के लिए बुलाने व किसान नेताओं की ओर से कोई स्पष्ट जवाब न देने के सवाल पर किसान-मजदूर यूनियन के राष्ट्रीय प्रधान मनजीत सिंह घुमाणा ने कहा कि हम बात करने के लिए तैयार हैं, जब तक मोदी सरकार किसानों की मांगों को पूरा नहीं करती, किसान वापस जाने वाले नहीं।

शंभू बॉर्डर से करीब कुछ किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियां लेकर वापस जा रहे हैं। पूछने पर मनजीत सिंह घुमाणा ने कहा कि इन लोगों को खनौरी भेजा जा रहा है। कुछ किसान खनौरी बॉर्डर पर नौजवान की मौत होने पर वहां गए हैं। किसानों का कहना है कि हम शंभू और खनौरी बॉर्डर लगातार डटे हुए हैं, पीछे हटने के बजाय अब सिंघु बॉर्डर की तर्ज पर लोहे के एंगल से स्थायी हट बना रहे हैं। बड़े-बड़े हट तैयार कर उनमें बेड लगाए जा रहे हैं। किसान-मजदूर यूनियन के राष्ट्रीय प्रधान मनजीत सिंह घुमाणा ने बताया कि ट्रैक्टर ट्रॉलियों में कमी नहीं है।

भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी के प्रधान रणजीत सिंह सवाजपुर का कहना है कि किसानों का पीछे हटने का कोई इरादा नहीं है। शंभू बॉर्डर पर डटे हुए किसान नेता जसवीर सिंह जस्सी ने कहा कि सभी किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच करने के लिए शंभू बॉर्डर पर डटे हैं। शुरुआती दिनों से पंजाब के किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस काफी मशक्कत करती रही है जिसमें तीन पुलिस कर्मी सहित एक किसान की मौत भी हुई है लेकिन शुक्रवार को दिनभर माहौल शांतिपूर्ण रहा। न तो किसान आगे बढ़े और न ही हरियाणा पुलिस ने कोई कार्रवाई की। किसानों ने सिर्फ पगड़ियों पर काली पट्टियां बांध कर विरोध प्रदर्शन किया।

शुभकरण की मौत पर संयुक्त किसान मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर ने मीडिया से के सवाल पर कहा कि पंजाब सरकार पहले इस मामले में आईपीसी की धारा-302 के तहत केस दर्ज करे। पंजाब सरकार ने हरियाणा पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। पंधेर ने कहा कि पंजाब की सरहद में घुसकर ड्रोन से शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे किसानों पर हमला किया जा रहा है। बॉर्डर पर आंसू गैस के गोले और रबड़ की गोलियाें से अब तक 170 से अधिक किसान घायल हो चुके हैं, इस पर पंजाब सरकार को सख्त रवैया अपनाने को कहा है।

इस बार के किसान आंदोलन के लंबा खींचने की स्थिति देखते हुए शुकवार को बैठक के बाद भारतीय किसान यूनियन के चढूनी गुट किसान संगठनों को एकमंच पर आने का ऐलान किया है और संयुक्त किसान मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा-गैर राजनीतिक के अलावा अन्य किसान संगठनों से भी बात करने की जरूरत कही। इसे लेकर चढूनी ने वीडियो संदेश भी जारी किया है, जिसमें सरकार से जुल्म बंद कर किसानों की मांगें मानने की मांग की है।

वहीं शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन के बीच कुछ राष्ट्र विरोधी और खालिस्तानी संगठन भी सक्रिय हैं। यह पिछली किसान आंदोलन में देखने को मिला था। इस बार भी कुछ लोग इस किसान आंदोलन में किसान वेष में खालिस्तान जिंदाबाद और पंजाब अलग करने और खालिस्तान बनाने का नारा लगा रहे हैं। एक वीडियो में एक व्यक्ति कह रहा है कि हम दिल्ली नहीं जाएंगे हम लाहौर जाना पसंद करेंगे और अपनी जमीन भी साथ ले जाएंगे दिल्ली तो 500 किलोमीटर दूर है और लाहौर 26 किलोमीटर दूर है

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