नई दिल्ली : भाजपा के शासन में कांग्रेस ने पिछले 70 वर्षों के अपने ही राज में बनाए सरकारी संस्थाओं पर सवाल खड़ा कर रही है और स्वतंत्र संस्थानों को अविश्वसनीय बना दे रही है। इसी क्रम में कांग्रेस पार्टी के रणनीतिकारों में से एक और बड़बोले जयराम रमेश ने लोकसभा चुनाव 2024 के आखिरी मतदान 1जून को समाप्त होने के बाद, एग्जिट पोल में बीजेपी को मिलती बढ़त को देख कर चुनाव आयोग से एक शिकायत किया कि वर्तमान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जिलों के DM को फोन कर चुनाव प्रभावित किया है।

चुनाव आयोग ने जयराम रमेश के बयान पर त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए दूसरे दिन यानी आज सोमवार शाम तक ही इस आरोप के सबूत मांग लिये। जयराम रमेश चुनाव आयोग में उपस्थित हो सबूत पेश करने के लिए समय मांगा। किंतु चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश की अपील को ठुकरा दिया है और कहा है कि हर हाल में आज शाम 7 बजे तक ही आपने जो आरोप लगाए हैं उसके सबूत पेश करे।

कल ही कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर आरोप लगाया था कि “अमित शाह ने लोकसभा चुनाव के लिए मतदान समाप्त होने के बाद देश भर के 150 जिलाधिकारियों को फोन किया था। अब तक उन्होंने 150 लोगों से बात की है और यह स्पष्ट रूप से धमकी है, जो दिखाती है कि बीजेपी कितनी हताश है। अधिकारियों को किसी भी दबाव में नहीं आना चाहिए और संविधान का पालन करना चाहिए।” इस आरोप के पक्ष में सबूत के लिए जयराम रमेश ने एक सप्ताह का समय मांगा। किंतु चुनाव आयोग ने कहा- आपको एक सप्ताह का समय नहीं दिया जाएगा, आप आज शाम ही सबूत पेश करें।

कल ही मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जयराम रमेश के आरोपों पर सख्ती दिखाते हुए कहा कि अफवाहें फैलाना और हर किसी पर शक करना सही नहीं है। क्या कोई उन सभी (जिला मजिस्ट्रेट/रिटर्निंग ऑफिसर) को प्रभावित कर सकता है? हमें बताएं कि यह किसने किया। हम उस व्यक्ति को सजा देंगे, जिसने ऐसा किया… यह सही नहीं है कि आप अफवाह फैलाएं और हर किसी पर शक करें।”

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