बनभूलपुरा-हल्द्वानी-के-गफ्फूर-बस्ती

नई दिल्ली: उतराखंड, बनभूलपुरा (हल्द्वानी) के रेलवे जमीन पर कथित अतिक्रमित गफ्फूर बस्ती के 4 हजार से अधिक घरों को हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार 7 जनवरी तक हटाना था। उस जमीन पर वर्षों से रहने का दावा करने वाले निवासियों ने कोर्ट के आदेश के विरोध में एकजूट होकर धरना किया, दुआएं पढ़ते रहे। कांग्रेस के नेता सलमान खुर्शीद लोगों के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट में गए। जिसमें 5 जनवरी की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल राहत देते हुए 7 फरबरी तक अतिक्रमण हटाने पर रोक लगा दी।

बनभूलपुरा (हल्द्वानी) के गफ्फूर बस्ती को उजाड़े जाने के खिलाफ दिल्ली में कार्यरत विभिन्न जन संगठनों एवं मजदूर संगठनों, इंकलाबी मजदूर केंद्र, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, परिवर्तनकामी छात्र संगठन, इफ्टू (सर्वहारा), टीयूसीआई, मजदूर पत्रिका, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, औद्योगिक ठेका मजदूर यूनियन, जन अभियान दिल्ली एवं मजदूर एकता समिति ने मिलकर उत्तराखंड के रेजिडेंट कमिश्नर के दिल्ली ऑफिस पर 5 जनवरी को प्रदर्शन कर रेजिडेंट कमिश्नर के द्वारा उत्तराखंड सरकार को ज्ञापन दिया। रेजिडेंट कमिश्नर के द्वारा उत्तराखंड सरकार को दिए ज्ञापन में मांग किया गया कि किसी भी हालत में बस्ती को बचाया जाए। सामाजिक रूप से अतिआवश्यक होने पर ही उचित एवं व्यवस्थित पुनर्वास के पश्चात ही बस्ती को हटाया जाए।

इस प्रदर्शन में वक्ताओं ने आरोप लगाया कि उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने बनभूलपुरा बस्ती के मामले में उच्च न्यायालय (उत्तराखंड) में सशक्त पैरवी नहीं किया। ऐसा लगता कि सरकार बस्ती को गिराने की साजिश में शामिल है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *