हापुड़, दिल्ली एनसीआर, 5 जून 2022: उत्तर प्रदेश के हापुड़ में एक कारखाने में विस्फोट की घटना में मरने वालों की संख्या रविवार को बढ़कर 13 हो गई है। पुलिस ने घटना में दो लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने कारखाने के मालिक दिलशाद और निदेशक वसीम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 338 (मानव जीवन को खतरे में डालने वाले कृत्य से गंभीर रूप से आहत),धारा 286 (विस्फोटक पदार्थ के संबंध में लापरवाही आचरण), 287 (मशीनरी के संबंध में लापरवाही आचरण), 304 (गैर इरादतन हत्या), 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 337 (लापरवाही को खतरे में डालना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
इस बीच किसान मजदूर संघ घटना के विरोध में प्रदर्शन कर रहा है।किसान मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष ब्रह्म सिंह राणा ने पीड़ितों के लिए एक करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की है| उन्होंने कहा, ‘हम प्रभावित परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने और अवैध रूप से चल रही सभी फैक्ट्रियों को सील करने की मांग करते हैं।
हापुड़ के पुलिस अधीक्षक दीपक भुकर ने बताया कि “पुलिस को बॉयलर फटने की सूचना मिली थी, मौके पर पहुंचने पर, कोई बॉयलर फट नहीं था, लेकिन किसी तरह का विस्फोट हुआ।”
हालांकि विस्फोट के कारणों का पता फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की जांच की रिपोर्ट आने के बाद ही चल पाएगा, एसपी ने कहा, पुलिस ने मौके से टॉय गन में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक पैलेट बरामद किए हैं। उन्होंने कहा, “जिस तरह की सामग्री में विस्फोट हुआ था, वह एफएसएल रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट होगा। हमने मौके से प्लास्टिक के पैलेट बरामद किए हैं। इन पैलेटों का इस्तेमाल दिवाली पर पटाखों के साथ टॉय गन में किया जाता है । ये पैलेट कारखाने के अंदर बनाए जा रहे थे।” .
आगे एसपी ने कहा कि उन पैलेटों में भरी जा रही सामग्री एफएसएल रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगी| प्रारंभिक जांच से पता चला है कि घटना के समय कारखाने में 33 लोग काम कर रहे थे, जिनमें से 13 की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गए।
शनिवार को हुई घटना के बाद हापुड़ जिला अधिकारी मेधा रूपम ने कहा, “इलेक्ट्रॉनिक्स सामान बनाने की अनुमति थी लेकिन इसकी जांच होनी चाहिए कि वास्तव में क्या हो रहा था। एक समिति बनाई जाएगी। फोरेंसिक टीम यह पता लगा रही है कि कौन सा रसायन बरामद किया गया है। (चित्र साभार गूगल)