नरेला, दिल्ली, 27 अगस्त 2022: दिल्ली के नरेला इलाके में देश को समर्पित सबसे बड़ा होम्योपैथी हॉस्पिटल ‘National institute of Homeopathy’ लगभग 10 एकड़ जमीन पर लगभग 287.40 करोड़ की लागत से बन रहा है। इस संस्थान का निरीक्षण करने केंद्रीय आयुष मंत्री सर्वानंद सोनोबल 26 अगस्त को नरेला पहुंचे।

नरेला में देश के सबसे बड़े बन रहे नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ होम्‍योपैथी में ओपीडी रजिस्‍ट्रेशन से लेकर, डायग्‍नोसिस, साइकेट्री, रिपर्टरी, ऑर्गानन ऑफ मेडिसिन, मेटीरिया मेडिका, ऑप्थेल्मोलॉजी, ओबीएस एंड गायनी, पीडियाट्रिक, डेंटल, इएनटी, लेबर वार्ड, आईसीयू, प्रेक्टिस ऑफ मेडिसिन, सीएसएसडी सहित अन्‍य कई विभागों में ओपीडी की सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही इस इंस्‍टीट्यूट में होम्‍योपैथी की इलाज के साथ चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई भी होगी। जिससे होम्योपैथी चिकित्सा के विशेषज्ञ डॉक्टर भी तैयार होंगे।

केंद्रीय आयुष मंत्री सर्वानंद सोनोवाल

दिल्‍ली की जनता को मिलने वाला इस होम्‍योपैथी का सबसे बड़ा अस्‍पताल में ग्‍लोबल रिसर्च सहित इलाज की सभी सुविधा होगी।

यह अस्‍पताल दिल्‍ली के नरेला इलाके में चौधरी रामदेव चौक पर बन रहा है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथी (National Institute of Homeopathy) के नाम से बन रहे इस अस्‍पताल में शुरुआत में 100 बेड की सुविधा रहेगी। इसके अलावा कई रोगों के लिए ओपीडी की सुविधा होगी। यह इंस्‍टीट्यूट होम्‍योपैथी में नए-नए रिसर्च पर काम करके इस चिकित्‍सा पद्धति को आगे तक ले जाने में सहयोग करेगा।

आयुष मंत्रालय के अनुसार दिल्‍ली के नरेला का यह नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ होम्‍योपैथी (NIH) अस्‍पताल उत्तर भारत में स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी जरूरतों को पूरा करेगा। यह इंस्‍टीट्यूट आयुष सेवाओं को लोगों तक पहुंचाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

मंत्रालय का कहना है कि यह इंस्‍टीट्यूट तीन प्रमुख उद्धेश्‍यों को लेकर काम करेगा। इसमें होम्‍योपैथी की पढ़ाई, होम्‍योपैथी चिकित्‍सा पद्धति को लेकर अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर के रिसर्च, शोध कार्य और तीसरा सबसे महत्‍वपूर्ण हेल्‍थकेयर यानि लोगों का इस पद्धति से इलाज और उन्‍हें स्‍वास्‍थ्‍य लाभ प्रदान करना।

यह इंस्‍टीट्यूट होम्‍योपैथी चिकित्सा पद्धति की कई शाखाओं में युवाओं को पीजी और डॉक्‍टर कोर्सेज करने की सुविधा प्रदान करेगा। इसमें 7 पोस्‍ट ग्रेजुएट विभाग होंगे। हर विभाग में 7 छात्र रह सकेंगे। इसके अलावा यह इंस्‍टीट्यूट ड्रग्स डेवलपमेंट, क्‍वालिटी कंट्रोल, सुरक्षा मानक, होम्‍योपैथिक दवाओं की वैज्ञानिक वैधता आदि को लेकर काम करेगा। यह ग्‍लोबल प्रमोशन और रिसर्च के लिए यह मुख्‍य केंद्र की तरह काम करेगा।

होम्‍योपैथी चिकित्सा में सर्जरी की जरूरत नहीं होती है और ऐसे अस्पतालों में न ही कोई कैजुअल्‍टी या इमरजेंसी होती है। ऐसे में मोर्चरी की भी जरूरत नहीं होती। लेकिन इस इंस्‍टीट्यूट में दोनों ही चीजें बनाई जा रही हैं।

यहां अलग से सर्जरी डिपार्टमेंट बनाया जा रहा है। जो खासतौर पर होम्‍योपैथी की पढ़ाई और ट्रेनिंग करने आने वाले छात्रों को ऑपरेशन थिएटर में माइनर सर्जरी सिखाने के लिए होगा।

इसके अलावा यहां मोर्चरी भी बनाई जा रही है। इसे लेकर आयुष मंत्रालय की ओर से बताया गया कि किसी भी आपात स्थिति में मरीज की मौत होने पर उसके शव को रखने के लिए मोर्चरी बनाई जा रही है।

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