Rahul Gandhi - Bharat Jodo Yatra

Rahul Gandhi - Bharat Jodo Yatra

नई दिल्ली : कांग्रेस को ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से बड़ी उम्मीदें हैं। जिसे वह बुधवार को कन्याकुमारी से शुरू करने वाली है। 3570 किमी लंबी इस यात्रा में कई चुनौतियां भी हैं। कन्याकुमारी के श्रीपेरुंबुदुर से यह पदयात्रा शुरू होगी। यहीं पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की गई थी।

कांग्रेस नेताओं को ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से उम्मीद है कि यह पदयात्रा 2024 के चुनाव में बेहद अहम साबित होगी। इस यात्रा से राहुल गांधी यह बताने की कोशिश करेंगे कि देश में कांग्रेस ही ऐसी पार्टी है जो कि राष्ट्र को जोड़ सकती है। 35 सौ किलोमीटर की कन्याकुमारी से कश्मीर तक की यह यात्रा से कांग्रेस के सामने कई चुनौतियों का भी हल निकलने की संभावना है।

देश के इतिहास में इस तरह की जितनी अहम यात्राएं हुई हैं, उसने नेतृत्व करने वाली पार्टी को संकट से उबारा है। उन पार्टियों ने अपने सामने तात्कालिक चुनौतियों को स्वीकार कर उसका सामना किया है और चुनाव के अनुसार उनमें चुनौतीपूर्ण जगहें शामिल रही हैं। लेकिन कांग्रेस की यह यात्रा राहुल गाँधी की सहूलियत को ध्यान में रखकर हो रही है। 

इसी दौरान राहुल के सामने चुनौतियाँ भी हैं, पहला कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष का चुनाव और दूसरा गुजरात हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव भी होना है। तीसरा, ‘G-23’ भी इस दौरान चुनौती खड़ी करेंगे। इस दौरान G-23 के लिए अपने विचार रखने का सबसे सही समय होगा। अभी ही कांग्रेस ने दिल्ली में महंगाई के खिलाफ हल्लाबोल रैली किया, तो एक दिन पहले ही गुलाम नबी आजाद ने जम्मू-कश्मीर में बड़ी जनसभा कर दी। इससे स्पष्ट है कि इस दौरान कांग्रेस के अंदर से तथा पार्टी के अंदर की खेमाबंदी गुट से भी संघर्ष कर रहे होंगे। साथ ही सबसे बड़ी पार्टी भाजपा के भी हमले झेलने होंगे। जो दिलचस्प होगा कांग्रेस के इस पदयात्रा के दौरान, वह यह कि भाजपा विरोधी पार्टियों का अव्यवस्थित गुट जो कथित महागठबंधन के नाम से जाना जाता है, उसकी कैसी-कैसी प्रतिक्रियाएं होगी !

चौथा, कयास है कि शशि थरूर भी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करेंगे। जिससे कांग्रेस की इस पदयात्रा की सफलता को लेकर संशय भी लगाये जा रहे हैं। (साभार) @BharatJodoYatra

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