नई दिल्ली : हरियाणा के कुश्ती खिलाडियों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर कुश्ती संघ के अध्यक्ष के विरुद्ध फिर से धरना प्रदर्शन शुरू किया है। हरियाणा के इन कुश्ती खिलाड़ियों के साथ हरियाणा कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा के खड़े होने और दुबारा धरना में राजनीतिक पार्टियों को समर्थन के लिए आह्वान करने से राजनीति की चर्चा शुरू हो गई है।

इसमें राजनीति की चर्चा इसलिए होने लगी क्योंकि वर्तमान भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष का चुनाव बृजभूषण शरण सिंह ने हरियाणा कांग्रेस के नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा को हरा कर जीता था। अब दीपेंद्र हुड्डा के पहलवानों के समर्थन में आने से संकेत सामने आने की बात होने लगी है। पिछले साल भी फीफा की भारतीय बॉडी में राजनीति हुई थी। अंडर 17 महिला फीफा वर्ल्ड कप भारत होस्ट कर रहा था। मौके पर ही उसको फीफा ने भंग कर दिया। मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया था और तब आनन फानन में इसे ठीक किया गया फिर भारत में फीफा वर्ल्ड कप हुआ।

बृजभूषण सिंह भी इसी तरह 2011 में अध्यक्ष का चुनाव जीते थे। जिसका कार्यकाल 12 साल का होता है और इस साल उनका कार्यकाल पूरा हो रहा है और फिर चुनाव भी होंगे। जानकारों का कहना है कि सारा यौन शोषण का आरोप और धरना प्रदर्शन का नाटक शुरू करने के पीछे यही कारण है।

इन पहलवानों के आरोपों पर वर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण कहते रहे हैं कि सबूत दिखा दो मैं फांसी लगा लूंगा। उधर जंतर मंतर में पहलवानों का धरना प्रदर्शन दुबारा होने लगा। कांग्रेस ने इसमें खाप पंचायत तक को मैदान में उतार कर राजनीति आगे बढ़ा दी। कांग्रेस द्वारा खाप पंचायतों को लाने की कोशिश पर यही खिलाड़ी बैकफुट पर जाने शुरू हो गए थे। ये बार बार कहने लगे कि इसपर कांग्रेस राजनीति न करे और जब पहलवानों के समर्थन में वामपन्थी आये तो इन्हें मंच पर आने ही नहीं दिया गया, उन्हें मंच से ही खिलाड़ियों ने भगा दिया।

ओलंपिक कुश्ती संघ की स्वायत्त संस्था है। यह बॉडी खेल मंत्रालय के अधीन नहीं आती है और इसमें केंद्र सरकार हस्तक्षेप नहीं करती है।

बृजभूषण शरण सिंह हरियाणा के पहलवानों के धरना और हुड्डा का समर्थन पर कहते हैं कि हरियाणा के पहलवान कुश्ती को अपनी बपौती समझते हैं। उन्हें यह पसंद नहीं है कि यूपी से कोई कुश्ती का अध्यक्ष बने। बृजभूषण ने कहा कि ये लोग इस घमण्ड में रहते हैं कि ये नेशनल नहीं, सीधा इंटरनेशनल खेलने को कहते हैं। जब बृजभूषण ने ये नियम बनाया कि खिलाड़ी नेशनल प्लेयर से खेलेगा और जो जीतेगा उसे ही अंतर्राष्ट्रीय खेलों में भेजा जाएगा। तो ये इनके घमण्ड को पसन्द नहीं आया। इन खिलाड़ियों को भी पता है कि इनकी उम्र अब इनकी फिटनेस का साथ नहीं दे रही और नया यंग खिलाड़ी इन्हें हरा देगा और वो अंतराष्ट्रीय टूर्नामेंट के लिए सलेक्ट हो जाएगा। इसलिए भी येलोग ड्रामा कर रहे हैं।

सूत्रों ने बताया कि इस ड्रामे के पीछे स्पांसरों का भी हाथ है। जिसमें हरियाणा का एक व्यापारी है जो स्वदेशी का नारा लगाते हुए बड़ा बन गया। बृजभूषण का कहना है कि जो भी स्पॉन्सरशिप होगी वो कुश्ती संघ से होगी और वो निर्णय लेगा कि किस खिलाड़ी को कौन स्पॉन्सर करेगा।

पहलवानों के दुबारा धरना प्रदर्शन शुरू करने पर सरकार द्वारा बनाई गई फैक्ट फाइंडिंग कमिटी तथा भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा कि ‘पहलवानों का सड़कों पर विरोध करना अनुशासनहीनता के बराबर है। सड़कों पर पहलवानों का विरोध भारत की छवि खराब कर रहा है।’ (चित्र साभार सोशल मीडिया और boltahindustan)

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