पटना, बिहार, 5 जून 2022: बिहार में जातीय गणना का ऐलान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया है। अपने कैबिनेट में पहले प्रस्ताव पारित किया जाएगा, फिर जातियों की गिनती शुरू होगी। जातीय गणना करने वाला बिहार दूसरा राज्य होगा।

पटना में सर्वदलीय बैठक बुधवार को हुई| इसके बाद CM नीतीश कुमार ने कहा कि ‘हम लोगों ने इसका नाम जाति आधारित जनगणना दिया है। सभी 9 दलों ने इस पर फैसला लिया है। किसी तरह से कोई मतभेद नहीं है। हम लोगों ने अपनी तरफ से केंद्र सरकार से अनुरोध किया था, लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं मिला था, इसलिए हमने खुद से कराने का निर्णय लिया। सभी दलों ने निर्णय लिया है कि बिहार में जातीय गणना होगी। इसके लिए वित्तीय व्यवस्था भी की जानी है। जातीय गणना कराने को लेकर विज्ञापन भी दिया जाएगा। सभी दलों को जानकारी दी जाएगी। इसको लेकर अधिकारियों को लगाया जाएगा। कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी।’

इससे पहले कर्नाटक ने जातीय सर्वे कराया था, लेकिन उसकी रिपोर्ट अभी तक पब्लिश नहीं हुई है। इसके बाद बिहार दूसरा राज्य होगा| इस बैठक में JDU, BJP, RJD, CPI, CPIM, CPIML, कांग्रेस, AIMIM, HAM के प्रतिनिधि शामिल हुए।

संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने बैठक से पहले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इसमें सभी धर्मों की गणना होती है। बता दें, गिरिराज ने बुधवार को ही मांग की है कि जातीय जनगणना में अल्पसंख्यकों की गिनती भी होनी चाहिए।

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