Mission Chandrayan 3

Mission Chandrayan 3

नई दिल्ली : आज प्रत्येक हिंदुस्तानी के लिए गर्व का दिन है। चंद्रयान 3 के लैंडर विक्रम के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर उतरते ही भारत को चांद पर सफलता मिल गई और इतिहास रच दिया है। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरने वाला भारत पहला देश बन गया है। इसकी लागत 615 करोड़ रुपए है।

चंद्रमा पर विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद प्रज्ञान रोवर उसमें से चांद की सतह पर उतर चुका है।

Lander विक्रम के द्वारा ली गई चांद के दक्षिणी ध्रुव की पहली तस्वीर

आज 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव में सतह पर प्रज्ञान रोवर ने उतर कर जो 14 जुलाई को दोपहर 2:35 बजे श्रीहरिकोटा से उड़ान भरा था, वह चंद्रयान-3 ने अपनी 40 दिनों की लंबी यात्रा पूरी कर ली है।

चंद्रयान-3 के सफलतापूर्वक चंद्रमा पर पहुंचने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान ISRO चेयरमैन एस. सोमनाथ ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस करके इस अभियान की अहम जानकारियां साझा करते हुए कहा कि इस अभियान की सबसे मुश्किल समय उपग्रह को अंतरिक्ष में ले जाकर छोड़ना था और फिर दूसरी मुश्किल समय इसको चंद्रमा पर लैंड कराना था और हम इसमें सफल हुए हैं। इस चंद्रयान 3 को मुख्य रूप से तीन निर्धारित उद्देश्यों पूरा करना है, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग कराना, चंद्रमा की सतह कही जाने वाली रेजोलिथ पर लैंडर को उतारना और घुमाना लैंडर और रोवर्स से चंद्रमा की सतह पर शोध कराना।

एस. सोमनाथ ने कहा कि “प्रज्ञान रोवर जल्द ही बाहर आएगा और इसमें एक दिन भी लग सकता है। इसमें से कई यंत्र बाहर निकलेंगे। एक यंत्र रम्भा चंद्रमा के वातावरण का अध्ययन करेगी।”

“ये रोवर दो अहम अध्ययन करेगा जिनमें सबसे पहले लेज़र से उस ज़मीन का अध्ययन करना शामिल है। इसके साथ ही उसके रसायन को भी जानने की कोशिश की जाएगी।”

इसरो प्रमुख सोमनाथ ने बताया कि कई विदेशी एजेंसियों ने भी इसमें मदद की जिसकी वजह से इस अभियान में सफलता मिल पाई है। उन्होंने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा समेत ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन के ग्राउंड स्टेशंस को भी शुक्रिया अदा किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिवादन करते हुए उन्हें बोलने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा, “मैं अपने पीएम से हमें आशीर्वाद देने को कहूंगा।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने के लिए दक्षिण अफ़्रीका गए उन्होंने वहीं से वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा, “हमारे परिवारजनों जब हम अपनी आंखों के सामने ऐसा इतिहास बनते हुए देखते हैं, जीवन धन्य हो जाता है। ऐसी ऐतिहासिक घटनाएं राष्ट्र जीवन की चेतना बन जाती हैं। ये पल अविस्मरणीय है।”

“ये क्षण अभूतपूर्व है। ये क्षण विकसित भारत के शखनांद का है। ये क्षण नए भारत के जय घोष का है। ये क्षण मुश्किलों के महासागर को पार करने का है। ये क्षण जीत के चंद्रपथ पर चलने का है। ये क्षण 140 करोड़ धड़कनों के सामर्थ्य का है। ये क्षण भारत में नई ऊर्जा नई चेतना का है।”

पीएम मोदी ने कहा, “इसरो ने वर्षों तक इस पल के लिए इतना परिश्रम किया है। मैं 140 करोड़ देशवासियों को बधाई देता हूं। हमारे वैज्ञानिकों के परिश्रम और प्रतिभा से चंद्रमा के उस दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचा है, जहां दुनिया का कोई देश भी नहीं पहुंच सका है। अब चांद से जुड़े मिथक बदल जाएंगे और कथानक बदल जाएंगे, नई पीढ़ी के लिए कहावतें भी बदल जाएगी।”

इसरो के एक और मिशन की जानकारी देते हुए पीएम मोदी ने कहा, “जल्द ही सूर्य के विस्तृत अध्ययन के लिए इसरो आदित्य एल-वन मिशन शुरू करने जा रहा है। इसके बाद शुक्र भी इसरो के लक्ष्यों में से एक है। गगनयान के ज़रिए ह्यमून मिशन भी है। भारत बार बार ये साबित कर रहा है कि उड़ान की कोई सीमा नहीं है। इसलिए आज के दिन को हमेशा याद रखेंगे। ये दिन हम सभी को उज्ज्वल भविष्य की ओर प्रेरित करेगा।”

पीएम मोदी ने कहा, “चंद्रयान-3 का मिशन पूरी मानवता के लिए है, यह मानवतावादी विचार पर आधारित है। मुझे विश्वास है कि दुनिया के सभी देश ये उपलब्धि हासिल कर सकते हैं। हम सभी चांद और उससे आगे के जहां के सपने देख सकते हैं। भारत की उड़ान चंद्रमा की कक्षा से आगे जाएगी। अभी कहा जाता है-चंदा मामा बहुत दूर के हैं और अब एक दिन वो भी आएगा जब बच्चे कहा करेंगे – चंदा मामा बस एक टूर के हैं”।

पीएम मोदी ने कहा, “मैं दुनिया के सभी देशों के लोगों से कहना चाहता हूं कि ये सिर्फ़ भारत की सफलता नहीं है। ये एक ऐसा साल है, जब भारत जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है. हमारा एप्रोच वन अर्थ, वन फैमिली का है और हम ये रिप्रेजेंट करते हैं।”

कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित INDIA गठबंधन की पार्टियों और कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी चंद्रयान-3 की सफलता पर इसरो को बधाई दी है।

नासा NASA के प्रमुख बिल नेल्सन ने ट्वीट किया कि “चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने के लिए इसरो को बधाई। चांद पर सफलतापूर्वक सॉफ़्ट लैंडिग करनेवाला चौथा देश बनने के लिए भारत को बधाई। इस मिशन में आपका सहयोगी बनकर हमें बेहद खुशी है।”

यरोपीयन स्पेस एजेंसी ESA प्रमुख जोज़फ एशबाकर ने कहा, “अदभुत! इसरो और भारत के सभी लोगों को बधाई। नई तकनीक को प्रदर्शित करने का शानदार तरीका और चांद पर भारत की सॉफ़्ट लैंडिंग। शानदार, मैं बहुत प्रभावित हूं।”

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