नई दिल्ली: चीन द्वारा भारत की सीमा के अतिक्रमण की बार बार कोशिश से LAC पर तनाव बढ़ता ही जा रहा है। 9 दिसंबर 2022 की अरुणाचल प्रदेश के तवांग में अतिक्रमण के जबाव में भारतीय सैनिकों ने 300 चीनी सैनिकों की पिटाई की और LAC से मार भगाया।

देश में पुनः यह प्रश्न विपक्षी पार्टियों के द्वारा किया जा रहा है कि चीन के साथ भारत सरकार व्यापार क्यों जारी रखे हुए है। क्यों नहीं चीनी उत्पादों की भारत में व्यापार बंद किए जाएं और चीनी सामानों का बहिष्कार हो, भारत में चीनी उत्पादों की बिक्री बंद हो।

देश के ‘चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज’ CTI ने 25 दिसंबर को बड़ी बैठक बुलाई है। इस बैठक में मुख्य चर्चा चीन के उत्पादों की बिक्री बंद और बहिष्कार करने पर होगी। चीनी उत्पादों का भारत में व्यापार लगभग 10 हजार करोड़ रूपए प्रतिमाह है, जिसका चीन को प्रतिमाह नुकसान होगा।

चाइना जनरल एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ कस्टम के अनुसार साल 2021 में भारत का चीन के साथ व्यापार 125.6 अरब डॉलर पहुंच गया। पहली बार ऐसा हुआ जब भारत के साथ चीन का व्यापार 100 अरब डॉलर से ऊपर पहुंचा है। इस आंकड़े में भारत ने महज 28.1 अरब डॉलर का निर्यात किया जबकि 94.57 अरब डॉलर का आयात किया।

CTI के चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि ‘दिल्ली में ही लगभग 50 करोड़ रूपए सालाना का चीनी उत्पादों का आयात होता है। CTI चीनी उत्पादों के खिलाफ दिल्ली सहित देश के व्यापारियों को जागरूक करेगी’।

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