NDTV रविश-कुमार

NDTV रविश-कुमार

नई दिल्ली, 23 अगस्त 2022: जानेमाने पत्रकार रविश कुमार की भाजपा विरोधी और सरकार विरोधी तथा जनमुद्दों की पत्रकारिता से NDTV ने काफी टीआरपी बटोरी और केंद्र सरकार के निशाने पर रही। केंद्र सरकार के विपक्ष की और जनता की आबाज बनकर रविश कुमार ने भी प्रसिद्धि पाई। उसी अनुपात में NDTV और रविश कुमार ने भाजपाईयों की गलियां भी खायी और ट्रोल के साथ जान की घम्किया भी मिली।

इसी NDTV में 29.18% स्टेक्स खरीदने के अडानी समूह ने फैसला लिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एनडीटीवी को अडानी समूह द्वारा खरीदने के फैसले की जानकारी पर चैनल की CEO सुपर्णा सिंह ने कहा कि कहा कि प्रणय रॉय और राधिका रॉय को इस डील की जानकारी ही नहीं थी। यह डील प्रणय और राधिका रॉय की सहमति के बिना हुई है। चैनल की CEO सुपर्णा सिंह ने कहा कि 32% हिस्सेदारी के साथ पति-पत्नी NDTV में सबसे बड़े शेयरधारक बने रहेंगे।

अडानी समूह ने एक प्रेस रिलीज के जरिए इसकी जानकारी में NDTV को एक प्रमुख मीडिया हाउस बताते हुए कहा है कि इसके पास 3 दशकों से विश्वसनीय ख़बरें देने का अनुभव है। इसके पास NDTV 24×7, NDTV India और NDTV प्रॉफिट नाम के 3 न्यूज़ चैनल हैं। अडानी समूह ने कहा कि NDTV की ऑनलाइन उपस्थिति भी दमदार है, जहाँ वो विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर 3.5 करोड़ फॉलोवर्स के साथ सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले चैनलों में से एक है।

AMNL सभी प्लेटफॉर्म्स ‘न्यू एज मीडिया’ की स्थापना का लक्ष्य लेकर चल रहा है और इसके CEO संजय पुगलिया का कहना है कि इस दिशा में ये एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि कंपनी भारतीय नागरिकों को और जो भारत में रुचि रखते हैं उन्हें सशक्त करना चाहती है। हमारे विजन को लोगों तक पहुँचाने के लिए NDTV एक अच्छा माध्यम है। कंपनी ने NDTV की न्यूज़ डिलीवरी और लीडरशिप को मजबूत करने की बात भी कही है।

चैनल की CEO सुपर्णा सिंह नेअपने सन्देश में कहा, “ये घटनाक्रम प्रणय रॉय और राधिका रॉय के लिए पूरी तरह अप्रत्याशित है। NDTV ने हाल ही में स्टॉक एक्सचेंज को जानकारी दी है कि हमने अपने फाउंडर्स ग्रुप में कुछ बदलाव किया है। एक लेनदेन को छोड़ कर कहीं कोई ऐसी चर्चा नहीं हुई, जिससे NDTV की हिस्सेदारी पर असर पड़े। VCPL ने RRPRH का अधिग्रहण किया है, जो प्रणय रॉय और राधिका रॉय के मालिकाना हक़ वाली कंपनी है।”

कर्मचारियों को भेजे गए इंटरनल सन्देश में CEO ने आगे रेगुलेटरी और कानूनी कदम उठाने की बात भी कही है। CEO ने अपने सन्देश में ये भी कहा कि अडानी की ताज़ा डील का आधार 2009 का एक लोन है और इस मामले में आगे की प्रक्रिया की जानकारी ली जा रही है। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि कर्मचारियों के सवालों का जवाब देने के लिए वो दफ्तर में मौजूद रहेंगी। उन्होंने अपने सन्देश में कहा कि मूल पत्रकारिता के साथ NDTV ने कभी समझौता नहीं किया है और इसके साथ खड़े रहेंगे।

एएमजी मीडिया नेटवर्क लिमिटेड (AMNL) ने NDTV में अप्रत्यक्ष रूप से 29.18% शेयर्स खरीदे हैं। ये सौदा ‘विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (VCPL)’ और ‘RRPR होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड’ के जरिए हुआ है। जहाँ VCPL पूरी तरह से AMNL की 100% सब्सिडियरी कंपनी है, वहीं RRPR एनडीटीवी की प्रमोटर कंपनी में। इस कंपनी में AMGNL ने 99.5% इक्विटी ख़रीदने का निर्णय लिया है। NDTV के पास 3 राष्ट्रीय चैनल हैं।

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