लंपी-वायरस-बीकानेर-के-जोडबीड-डंपिंग-यार्ड

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नई दिल्ली : राजस्थान में 40000 से भी ज्यादा गायें लंपी स्किन वायरस की चपेट में आने से मारी जा चुकी हैं। साथ ही राजस्थान सहित पंजाब, हरयाणा और देश के कई राज्यों में लंपी वायरस का कहर फ़ैल चूका है। इससे दुग्ध व्यवसाय को भारी नुकसान हुआ है। पूरे देश में लगभग 10 लाख से ज्यादा गाय लंपी स्किन वायरस की चपेट में आ चुकी हैं।

सोशल मीडिया पर बीकानेर के जोडबीड डंपिंग यार्ड से एक हैरान करने वाली तस्वीर आ रही है। जिसमें गायों के हजारों शव पड़े दिखाई दे रहे हैं। 5646 हेक्टेयर में फैले जोडबीड डंपिंग यार्ड में गायों के शव पड़े हुए हैं। लंपी स्किन वायरस, Lumpy skin disease से मरे इस गायों के शव अब सड़ने लगे हैं और इसके आसपास कई किलोमीटर तक इन शवों की दुर्गंध फैल रही है। अब इस डंपयार्ड के आसपास के इलाकों में रह रहे लोगों को दुर्गन्ध का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन अभी सरकार निष्क्रिय दिखाई दे रही है।

सरकार गायों में लंपी वायरस को फैलने से रोकने में नाकाम हो रही है। सिर्फ बीकानेर शहर में लगभग 8 हजार से ज्यादा गाय इस वायरस से संक्रमित है। यह वायरस साथ ही देश के अन्य राज्यों उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में भी फ़ैल रह है।

लंपी स्किन वायरस दुनिया में लगभग 100 वर्ष पहले देखा गया था। इस वायरस से संक्रमित पशु सबसे पहले 1929 में अफ्रीका के जाम्बिया में पाया गया था। और, बाद में बंगाल देश से सफ़र करता हुआ यह वायरस वर्ष 2019 में भारत में पश्चिम बंगाल में मिला था। उसके बाद यह वायरस भारत सहित पूरी दुनिया में अब कहर ढा रहा है।

इस वायरस से संक्रमित पशुओं के नाक और मुंह से पानी व लार गिरने लगता है। और, तेज बुखार होता है और ऐसे जानवर भोजन छोड़ देते है। ऐसे पशुओं की चमड़ी के नीचे पहले छोटे-छोटे दाने हो जाते हैं। यह दाने घाव में बदल जाते हैं। यह अधिकतर मवेशियों के मुंह, गर्दन और गुप्तांग के पास पाए जाते हैं। समय पर तथा उचित इलाज न मिलने पर पशुओं की मौत हो रही है। इस वायरस के पशुओं से मनुष्यों में संक्रमण की संभावना भी अब जताई जा रही है।

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